बिहार में शराबबंदी के खिलाफ पूर्व सैनिको का प्रदर्शन

बिहार। बिहार में पूर्ण शराबबंदी के खिलाफ पूर्व सैनिकों ने राजभवन तक मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया । इस दौरान हजारों की संख्‍या में आये पूर्व सैनिकों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। चिड़ियाघर सेशराबबंदी राजभवन कूच के दौरान पुलिस ने सभी को राजभवन मोड़ के पास रोक दिया। प्रर्दशन कर रहे पूर्व सैनिक राजभवन जाने की जिद पर अड़े रहे।

हालांकि प्रशासन द्धारा समझाये जाने के बाद बिहार राज्य के पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष एनके सिंह, संयोजक आरडी सिंह, कैप्टन एमएस रावत समेत पांच सदस्यी टीम राजभवन पहुंची और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।

इससे पूर्व दानापुर के हाथीखाना मोड़ के पास राज्यभर से आए पूर्व सैनिक जुटे और वहीं पर सभा की। सभा के बाद सभी लोग निजी वाहनों से चिड़ियाघर पहुंचे। पूर्व सैनिकों के मार्च को देखते हुए एसडीएम, दो सिटी एसपी (मध्य, पश्चिमी), कोतवाली, सचिवालय, दानापुर डीएसपी के अलावे शास्त्रीनगर, सचिवालय, हवाईअड्डा, दानापुर, रुपसपुर थानेदार पहले से तैनात थे। अतिरिक्त पुलिस बल और वाटर कैनन, वज्र वाहन भी तैनात किए गए थे।

पूर्व सैनिक संघ के अध्यक्ष नंद कुमार सिंह ने नशाबंदी कानून को काला कानून बताते हुए कहा कि सैनिकों को शराब सेना में डॉक्टर की अनुशंसा पर दी जाती है। भौगोलिक परिस्थितियों में देश की रक्षा करते है। कहीं-कहीं माइनस 20-60 डिग्री तापमान रहता है।उन्‍होने बताया कि राजभवन को पूर्व सैनिको की मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है।

पूर्व कैप्टन एमएस रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने कैंटीन की सुविधा का हक सैनिकों और पूर्व सैनिकों से छीन ली है। नशाबंदी कानून की आड़ में सेवारत सैनिकों को गिरफ्तार कर जेल भेज रही है। आरएन सिंह ने कहा कि प्रदेश में एक लाख 10 हजार पूर्व सैनिक हैं। संघ के सदस्य सिर्फ 22 हजार हैं। वैसे में सभी पूर्व सैनिक अपनी मांग को लेकर सड़क पर उतर गए तो सारी जवाबदेही सरकार की होगी।

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