बिहार में बढ़ी बिजली दरों की समीक्षा होगी : ऊर्जा मंत्री

बिहार में बिजलीपटना| बिहार में बिजली की दरों में अभूतपूर्व वृद्धि को लेकर बिहार विधानमंडल में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। इधर, सरकार की ओर से सफाई देते हुए ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार बिहार विद्युत विनियामक आयोग (रेगुलेटरी कमीशन) द्वारा बढ़ाई गई बिजली दरों की समीक्षा करेगी।

बिहार में बिजली

बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों की शनिवार को कार्यवाही शुरू होते ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सदस्यों ने बिजली दर में 55 प्रतिशत वृद्धि का जोरदार विरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि यह जनविरोधी है। उन्होंने तत्काल इसे वापस लेने की मांग की। राजग में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी बिजली दर में इस वृद्धि को वापस लेने की मांग की।

बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने हंगामे के बीच में सदन को बताया कि राज्य सरकार रसोई गैस की तरह सब्सिडी बिजली कंपनियों को देने के बजाय सीधे उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।

उन्होंने कहा, “बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने जो नई बिजली दर घोषित की है, वह सब्सिडी रहित है। उपभोक्ताओं को सरकार से मिलने वाली सब्सिडी मिलती रहेगी और यह इसकी राशि उपभोक्ताओं के सीधे खाते में जाएगी।” उन्होंने सदन को भरोसा दिया कि इसे लेकर दो-तीन दिनों में घोषणा कर दी जाएगी।

बिहार विधानपरिषद में भाजपा सदस्य लालबाबू प्रसाद ने बिजली दर में प्रस्तावित वृद्धि को वापस लिए जाने को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया, जिसे सभापति अवधेश नारायण सिंह द्वारा अस्वीकृत कर दिए जाने पर भाजपा सदस्यों विरोध जताया।

विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी ने सरकार के बिजली दर में वृद्धि के प्रस्ताव को जनविरोधी बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार बिजली कंपनियों की अक्षमता की सजा उपभोक्ताओं को दी है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय का भााजपा विरोध करेगी।

उल्लेखनीय है कि विनियामक आयोग ने शुक्रवार को राज्य में नई बिजली दरों की घोषणा की थी। बिजली दरों में लगभग 55 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई थी। बिजली दरों की ये बढ़ोतरी अनुदान रहित थी। आयोग ने कहा था कि बिजली की नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी।

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