बिहार में प्रदूषण से निपटने के लिए CM नीतीश कुमार के किया ये बड़ा ऐलान, लोगों की बढ़ गयी चिंता

नीतीश ने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को मुख्य कारण बताया जा रहा है. खासकर शहरों में आटोरिक्शा, सिटी बसों में केरोसिन तेलों के उपयोग की भी शिकायत मिल रही है. उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी प्राप्त कर ली जाय कि केरोसिन तेल का दुरूपयोग वाहन के ईंधन के रूप में तो नहीं हो रहा है.

नीतीश कुमार

बैठक में 15 वर्ष से ज्यादा पुराने व्यावसायिक वाहनों एवं सरकारी वाहनों को वायु प्रदूषण कम करने के लिये प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 वर्ष से पुराने निजी वाहनों की फिटनेस की जांच फिर से की जाय. इस पर सख्ती से कार्रवाई की जाय.

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक एवं सीएनजी वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा दें. शहरों में तीव्र आवाज में हॉर्न बजाने पर नियंत्रण करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में सड़कों के किनारे भी वृक्ष लगाने के उपाय करें. कल से पटना की मुख्य सड़कों और निर्माण स्थलों पर पानी का छिड़काव सुनिश्चित किया जाय. पटना के अलग-अलग जगहों पर मानिटरिंग मशीन लगायें ताकि प्रदूषण के कारकों का आंकलन हो सके.

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उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन भवन को ढकने की व्यवस्था करायें ताकि धूल कण नहीं फैले. यह सुनिश्चित किया जाय कि भवन निर्माण सामग्री की ढुलाई ढककर ही हो.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिये रात में दस बजे के बाद लाउड स्पीकर पर रोक तो है ही, सुबह में भी इसके समय को बढ़ाये जाने की जरूरत है. पटाखे नहीं जलाने के लिये लोगों को जागरूक करें.

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