बिहार में पत्रकार राजदेव हत्याकांड की सीबीआई जांच शुरू

सीवान। बिहार के सीवान में बहुचर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुरू कर दी है। बिहार पुलिस ने शनिवार को इस मामले से जुड़े सारे दस्तावेज सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई की टीम इस मामले की जांच लिए सीवान में ही कैंप कर रही है। टीम में सीबीआई के आठ अधिकारी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, यह टीम इस मामले की प्राथमिक जांच रिपोर्ट सोमवार को सीबीआई मुख्यालय भेजेगी।

पत्रकार राजदेवसीवान जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने पत्रकार राजेदव हत्याकांड की जांच शुरू कर दी है। शनिवार को सीवान पुलिस ने इस हत्या से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई टीम को सौंप दी है।

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई के सदस्य पुलिस और अन्य संबंधित लोगों से इस मामले में जानकारी हासिल कर रही है।

सीवान में अपराधियों ने 13 मई, 2016 की शाम सीवान के अतिव्यस्तम इलाके स्टेशन रोड में एक दैनिक अखबार के पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अज्ञात अपराधी दो मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए थे और घटना को अंजाम देकर फरार हो गए थे।

इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक विशेष अनुसंधान टीम (एसआईटी) का गठन किया था, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक स्तर के दो अधिकारी और पुलिस निरीक्षक स्तर के तीन अधिकारी शामिल थे। इस मामले में हाल ही में जमानत पर रिहा राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का नाम आया है। इसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी।

हिस्ट्रीशीटर शहाबुद्दीन हाल ही में 11 साल बाद जेल से छूटे हैं। राजनीतिशास्त्र में एमए, पीएचडी की डिग्री रखने वाले शहाबुद्दीन ने कालेज के जमाने में 1986 में ही अपराध की दुनिया में कदम रखा था। सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय में पटना उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की है। उनका सवाल है, एक हिस्ट्रीशीटर को, जिसे एक मामले में उम्रकैद की सजा मिली हुई है, उसे पटना हाईकोर्ट ने जमानत कैसे दे दी?

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