50 करोड़ से सुधरेगी प्रदेश के बस अड्डों की दशा, खाका तैयार

बस अड्डेलखनऊ। बस अड्डे पर यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के नाम पर यात्रियों से हर टिकट पर सुविधा शुल्क वसूला जाता है, लेकिन लखनऊ सहित प्रदेश के 162 बस अड्डे ऐसे हैं जहां यात्रियों की सुविधाएं भगवान भरोसे हैं। ऐसे बस अड्डों की दशा सुधारने के लिए 50 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। जहां यात्रियों के बैठने के लिए सीटें होंगी। बस स्टेशन परिसर में पीने का स्वच्छ पानी होगा। साफ-सुथरे शौचालय से लेकर खानपान की बेहतर सेवा होगी।

परिवहन निगम प्रशासन लखनऊ से जुड़े बस अड्डों के अलावा प्रदेश के अन्य बस अड्डों की स्थिति का सर्वे कराया था। सर्वे में साफ तौर पर सामने आया कि प्रदेश में 162 ऐसे बस अड्डे हैं जिनकी दशा बेहद खराब है। इन बस अड्डों में राजधानी का चारबाग बस अड्डा भी शामिल है। कहने को तो यह ए ग्रेड बस अड्डा है, लेकिन बस अड्डे पर यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं थर्ड क्लास हैं।

बस अड्डे की दशा सुधारने के लिए 50 करोड़ रुपए होंगे खर्च…

अब चारबाग समेत शेष सभी बस अड्डों को 50 करोड़ रुपये खर्च कर दुरुस्त किया जाएगा। निर्माण इकाई के अधिशासी अभियंता मोहम्मद इरफान ने बताया कि शासन से 50 करोड़ रुपये का बजट प्राप्त हो गया है। इस बजट से सभी खस्ताहाल बस अड्डों की हालत में सुधार किया जाएगा। यात्री सुविधाओं को बेहतर किया जाएगा।

चारबाग बस अड्डे की हालत भी बेहद खराब: राजधानी के चारबाग बस अड्डे से लेकर आसपास के बस अड्डों की हालत बेहद खराब है। इनमें मोहनलालगंज, रायबरेली, तिलोई, देवां, सलोन, बछरावां, रामनगर, हैदरगढ़ व लालगंज बस अड्डा शामिल है। परिवहन निगम मुख्यालय के निमार्ण इकाई शाखा के अधिकारी इन बसों को संवारने के लिए खाका तैयार कर रहे है।

परिवहन निगम की ओर से प्रदेश भर के बस अड्डों का किए गए सर्वे में 50 से ज्यादा बस अड्डे ऐसे मिले जहां बसें जाती ही नहीं। यात्री बीच सड़क पर बस स्टाप बनाकर बसें पकड़ते है। यहां पर न बसें खड़ी करने की जगह है। और न ही यात्री ही बस अड्डे पर बस पकड़ने जाते है। ऐसे बस अड्डों को सुधारने के लिए परिवहन निगम ने तैयारी कर ली है।

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