बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के आगे पस्त हुआ जनमानस, लगातार बढ़ रही डेंगू के मरीजों की संख्या

रिपोर्ट- शिवा शर्मा/लखनऊ

उत्तर प्रदेश में बढ़ते डेंगू के प्रकोप ने सरकार की पोल खोल दी , मुख्यमंत्री के कहने पर स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने देर रात लोकभवन में प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया के सामने आंकड़े जारी किए और कहा हर बुखार डेंगू का बुखार नही होता ।

सरकार की नाकामी और बदहाल व्यवस्था के बीच का खामियाजा उत्तर प्रदेश की जनता को उठाना पड़ रहा है बीते दिनों लखनऊ समेत कई बड़े शहरों में डेंगू के मरीज़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन नगर निगम हो या फिर स्वास्थ्य महकमा दोनो की इसे कम करने के फेल साबित दिखते नज़र आ रहे है.

बदहाल स्वास्थ्य सेवायें

मीडिया की चीखते-चिल्लाते आकड़ो पर सुर्खिया बटोरी गयी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी स्वास्थ मंत्री समेत स्वास्थ विभाग के अफसरों को तलब कर लिया और हिदायत दी की डेंगू के मरीज़ों के उपचार के लिए महकमा बेहतर व्यवस्था करे और जागरूकता अभियान चला कर डेंगू के आकड़ो में कमी लाये.

सीएम की फटकार के बाद स्वास्थय मंत्री जय प्रताप सिंह जैकी,अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ,प्रमुख सचिव स्वास्थ्य,देवेश चतुर्वेदी,डीजी स्वास्थय मिथलेश चतुर्वेदी जैसे असफरो ने प्रेस कांफ्रेंस कर सरकारी आकड़ो को साझा किया .

उन्होंने बताया की साल 2016 ।के 15 हज़ार डेंगू के मामले सामने आए थे तब पिछली सरकार में 42 लोगो की मौत हुई थी. इस बार 2019 मे डेंगू के मरीज महज़ 5218 ही है जिसमे मौतों का आंकड़ा सिर्फ 9 है.

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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि साफ सफाई के लिए लखनऊ के नगर निगम को एक हफ्ते पहले ही 5 करोड़ रुपये दिए गए साथ ही डेंगू के मरीज़ों के लिए बेहतर सुविधा सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध कराई गई है जनपदीय स्तर पर जिला अस्पताल और CHC में मच्छरदानी युक्त वार्ड बनाये गए है साथ ही सरकारी अस्पतालो में खून की जांच निशुल्क सुविधा दी जा रही है.

67573 शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गयी है ताकि स्कूली बच्चो को भी जागरूक किया जाए. लेकिन हैरानी की बात ये है की सरकारी आकड़ो के भी हिसाब से लखनऊ जैसे शहर में डेंगू के मरीज़ों की संख्या अव्वल है

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