बच्चों को स्कूल छोड़ने में छूटे अभिभावकों के पसीने, जानें क्या है मामला

रिपोर्टर : नीरज सिंघल

सहारनपुरः सरकार की नई परिवहन नीति के विरोध में स्कूल बस संचालकों ने अपनी पूर्ण हड़ताल शुरू कर दी है। बसों की हड़ताल का असर साफ देखने को मिल रहा है। अभिभावक बच्चों को स्कूल छोड़ने और स्कूल से लेने पहुंचे, जिससे स्कूलों के बाहर जाम की स्थिति रही।

कई बच्चों के अभिभावकों के देरी से पहुंचने के चलते स्कूलों के बाहर इंतजार करना पड़ा। अधिकारियों के ढुलमुल रवैए से अभिभावकों में भारी रोष है।
नई परिवहन नीति के तहत स्कूल बसों को तमाम शर्तों को पूरा करना होगा।

जिसमें बसों में सीसीटीवी लगाने, जीपीएस लगाने और आई आदि रखने समेत अनेक बिंदु शामिल हैं। सहारनपुर की बात करें तो बसें सभी शर्तों को पूरा नहीं करती हैं। इसके अलावा बच्चे टेंपो, ई-रिक्शा, रिक्शा, रेहड़ा आदि में बैठकर स्कूल नहीं जा सकते।

बुधवार की सुबह बसों की हड़ताल की वजह से कोर्ट रोड पर बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को दुपहिया वाहनों पर स्कूल छोड़ने जाते नजर आए। दोपहर में भी ऐसी ही स्थिति रही। सोफिया गर्ल्स सीनियर सेकेंड्री स्कूल के बाहर दुपहिया वाहनों की अधिक संख्या के चलते जाम की स्थिति रही। सोफिया स्कूल पर बच्चों को छोड़ने पहुंचे अभिभावकों ने हड़ताल पर नाराजगी व्यक्त की।

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उनका कहना है कि अधिकारियों के बच्चे सरकारी गाड़ियों से स्कूल पहुंच जाते हैं, मगर आम आदमी को सफर करना पड़ता है। हड़ताल खत्म कराई जानी चाहिए। उनका कहना था कि स्कूल बसों की हड़ताल में अभिभावक एक या दो दिन तो बच्चों को स्कूल छोड़ सकते हैं, मगर यह लगातार नहीं चल सकता। उन्होंने हड़ताल खत्म कराने की मांग जिला प्रशासन से की।

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