फूलनदेवी की हत्या करने वाले शेर सिंह राणा ने कहा सरकार मदद करे तो खत्म कर दूंगा आतंक

लखनऊ। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर है। आतंकी हमले को लेकर देशभर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

‘बैन्डिट क्वीन’ के नाम से चर्चित फूलनदेवी की हत्या के मामले में दोषी और राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (आरजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेर सिंह राणा ने कहा है कि यदि सरकार उनकी थोड़ी सी मदद कर दे तो वह अपने साथियों के साथ पाकिस्तान में दाखिल होकर हाफिज सईद, मसूद अजहर को ठिकाने लगा देंगे। बता दें कि कथित तौर पर शेर सिंह राणा 2004 में तिहाड़ जेल से फरार होकर अफगानिस्तान भी गए थे।

आरजेपी चीफ शेर सिंह राणा ने कहा, ‘मैं तिहाड़ जेल से फरार होकर वर्ष 2004 में अफगानिस्तान गया था और वहां से अपने आखिरी भारतीय सम्राट पृथ्वीराज चौहानजी की अस्थियां लेकर लौटा था। यदि आज भी सरकार मेरी थोड़ी सी सहायता कर दे तो मेरा आपसे वादा है कि चाहे हाफिज सईद हो या मसूद अजहर हो या फिर दाऊद इब्राहिम, मैं उनकी हत्या कर दूंगा क्योंकि उन्हें पकड़कर लाना संभव नहीं है। मैं उनको ठिकाने जरूर लगा दूंगा।’

राणा ने कहा, ‘मैंने तिहाड़ जेल में 13 वर्ष के आसपास का समय बिताया है। बहुत सारे नहीं बल्कि ज्यादातर आतंकवादी मेरे साथ रहे हैं। अफजल गुरु को मेरे सामने ही जेल नंबर तीन में फांसी दी गई थी। जब तिहाड़ जेलवालों को अफजल गुरु को फांसी पर लटकाने के लिए कोई जल्लाद नहीं मिल रहा था तब मैंने डीजी साहब को लेटर लिखा था। मैंने उनसे कहा था कि अफजल गुरु को फांसी मैं अपने हाथ से देने के लिए तैयार हूं। शेर सिंह राणा की यह अपील है कि यदि सरकार चाहे तो पाकिस्तान में हमले के लिए मेरा इस्तेमाल कर सकती है।’

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राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के अध्यक्ष शेर सिंह राणा ने कहा, ‘जब से पुलवामा अटैक हुआ और सीआरपीएफ के हमारे 40 जवान भाई शहीद हुए तबसे मैं बहुत परेशान, हैरान था। हमने भी एक राजनीतिक पार्टी बनाई है राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी, जब भी वह सत्ता में आएगी तो वह अपने देश के दुश्मनों को सबक सिखाएगी। मैं उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते इस हमले पर दुख व्यक्त करता हूं।’ राणा ने कहा कि आतंकियों की इस कायराना हरकत के बाद जबरन इसे जाति-मजहब से न जोड़ा जाए क्योंकि जब भी कहीं बम गिरता है तो वह धर्म जानकर नुकसान नहीं करता। उसमें सभी वर्ग के लोग प्रभावित होते हैं।

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