फर्रुखाबाद में चरमरा गयीं स्वास्थ्य सेवाएं, डॉक्टरों की कमी बनी मुख्य वजह

रिपोर्ट:- दिलीप कटियार/FARRUKHABAD

फर्रुखाबाद जिले की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की तैनाती न होने की वजह से मरीजों का उपचार नहीं मिल पा रहा है। जिला अस्पताल भी संसाधन व स्टॉफ की कमी से जूझ रहा है।

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गंभीर रोगों के मरीजों का इलाज यहां पर नहीं किया जाता है। बल्कि आनन फानन में रेफर कर दिया जाता है। इससे कई मरीजों की जान भी चली गई। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को नीली-पीली दवाएं देकर काम चलाया जा रहा है।

जिले के सबसे बड़े अस्पताल राममनोहर लोहिया में मरीज डॉक्टरों के इंतजार में परेशान अल्ट्रासाउंड कराने के लिए लगाने पड़ रहे पांच पांच दिन अस्पताल के चक्कर वही जो डॉक्टर समय से अपनी ड्यूटी कर रहे है उनके पास मरीजो की भीड़ लगी रहती है।

जिस कारण सभी मरीजो को समय से दबा नही मिल पाती है।वही अस्पताल में रोजाना 12 सौ से लेकर 22 सौ तक मरीज रोजाना आ रहे है।अस्पताल में 29 डॉक्टर की जगह मात्र 14 डॉक्टर है।58 वार्ड ब्याय,7 नर्सो की कमी है।

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लेकिन यह अस्पताल 220 वेड का बनाया गया था लेकिन अभी 100 के हिसाब से काम हो रहा है।जो डॉक्टर तैनात है वह भी समय से अपने कमरे बैठ नही पाते है क्योंकि एक डॉक्टर को रोजाना 200 मरीजो को देखकर दवाई देते है।

सीएमएस एच पी सिंह ने कहा कि सुधार किया जा रहा है।लेकिन सीडीओ के छापे ने लोहिया अस्पताल की पोल खोलकर रख दी।उसी के चलते 51 कर्मचारियों का वेतन काटने की सजा दी है।

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