पाकिस्तानी मार्केट का शहंशाह बना चीन, भारत को रोकने के लिए खुलेआम करेगा आतंक की फंडिंग!

पड़ोसी देश चीनइस्लामाबाद। पड़ोसी देश चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। भारत के सबसे बड़े दुश्मन माने जाने वाले पाकिस्तान के साथ अपनी दोस्ती को नया आयाम देते हुए चीन ने पाकिस्तान के पूंजी बाजार में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक रणनीतिक समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

इस समझौते का मकसद पाकिस्तान के पूंजी बाजार में चीन को प्रवेश देना और चीन-पाकिस्तान के आर्थिक गलियारे के लिए कोष जुटाना है। आशंका जताई जा रही है कि इस समझौते के तहत जुटाई गई मुद्रा का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जा सकता है। माना जा रहा है कि भारत को रोकने के लिए चीन इस माध्यम से सीधे आतंकियों की आर्थिक मदद करेगा।

पड़ोसी देश चीन

पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक दार की मौजूदगी में कराची में एक बिक्री-खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

ख़बरों के मुताबिक, इन चीनी कंपनियों के समूह में चाइनीज फाइनैंशल फ्यूचर्स एक्सचेंज कंपनी लिमिटेड, शंघाई स्टॉक एक्सचेंज, शेनजेन स्टॉक एक्सचेंज और दो स्थानीय सहयोगी पाक-चाइना इन्वेस्टमेंट कंपनी और हबीब बैंक लिमिटेड शामिल हैं।

समूह ने 32 करोड़ शेयरों के लिये 28 रुपये (पाकिस्तानी रुपया) प्रति शेयर के हिसाब से बोली लगाई। कुल मिलाकर यह सौदा 8।96 अरब रुपये (8.50 करोड डॉलर) का हुआ। बोली दिसंबर में लगाई गई थी।

पाकिस्तान शेयर बाजार इंन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी करने की भी योजना बना रहा है, जिससे मिलने वाली राशि का इस्तेमाल 46 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे से जुड़ी परियोजना में किया जायेगा। यह गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर बनाये जाने की योजना है।

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