
कांग्रसे महासचिव प्रियंका गांधी लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला रही ही है। इस बार उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि केंद्र सरकार आंकड़ों को अपनी छवि बचाने के माध्यम की तरह क्यों प्रस्तुत करती है? सही आंकड़ें अधिकतम भारतीयों को इस वायरस के प्रभाव से बचा सकते हैं। आखिर क्यों सरकार ने आंकड़ों को प्रोपेगंडा का माध्यम बनाया न कि प्रोटेक्शन का?
वहीं कल उन्होंने ट्वीट कर मोदी सरकार से सवाल पूछा था कि कोविड की दूसरी लहर में अस्पताल में बेड का, वेंटिलेटर का संकट क्यों आया? संसदीय स्वास्थ्य समिति, सीरो सर्वे व विशेषज्ञों की चेतावनी के बावजूद मोदी सरकार क्यों आँखें मूँदे रही? सितंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच ऑक्सीजन बेड 36% , ICU बेड 46%, वेंटिलेटर बेड 28% क्यों घटे?
रविवार को एक वीडियो पोस्ट कर उन्होंने पूछा कि क्या भारतीय नागरिकों का जीवन सेंट्रल विस्टा परियोजना से कम महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसे ‘आवश्यक सेवा’ घोषित किया गया था। जब वे सत्ता में आए तो उन्होंने स्वास्थ्य बजट में 20% की कटौती की। हर जगह एम्स का वादा किया, जिला सुविधाओं को अपग्रेड किया जाएगा, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया।




