प्रशांत किशोर ने बनाया जीत का नया फार्मूला, इस तरह होगी सत्ता में वापसी

पटना। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जनता दल (युनाइटेड) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर का मानना है कि विकास के मुद्दे पर भी चुनाव जीते जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास अगले 10 वर्षो में बिहार को विकास के विभिन्न मानकों में देश के 10 विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना है। उन्होंने बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने की बात करते हुए कहा कि इसके लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक संख्या में युवा राजनीति से जुड़े।

उन्होंने कहा, “जद (यू) का प्रयास है कि दो साल में एक लाख ऐसे युवाओं को सदस्य बनाया जाए जिसकी पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं रही हो। भविष्य में ऐसे लोगों को ही पार्टी आगे बढ़ाने का भी काम करेगी।”

पटना में शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में जब वे भाजपा के साथ जुड़े थे तब उनका राम मंदिर मुद्दा नहीं था और तब भी भारी बहुमत से भाजपा चुनाव जीती थी। उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दे पर भी चुनाव जीते जा सकते हैं।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि भाजपा और जद (यू) दो अलग-अलग पार्टियां हैं। कई मुद्दों पर दोनों पार्टियों की सोच अलग है, तो कई मुद्दों पर सोच एक भी है। दोनों पार्टियों के अपने-अपने सिद्धांत हैं, जिस पर दोनों चलती हैं।

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मध्यप्रदेश सहित तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पर लोकसभा चुनाव में फर्क पड़ने की संभावना को नकारते हुए जद (यू) नेता ने कहा, “विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत से लोकसभा के चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। कई लोग इस चुनाव परिणाम को अलार्मिग बता रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है।”

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प्रशांत किशोर ने विपक्षियों पर तंज कसते हुए राजनीति में अच्छी भाषा का प्रयोग करने की नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि भाषा से ही संस्कार का भी पता चलता है।

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