न्यायमूर्ति जे एस खेहर को प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करने के खिलाफ याचिका खारिज

प्रधान न्यायाधीशनई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति जगदीश खेहर को अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने के खिलाफ याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति खेहर, सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान प्रधान न्यायाधीश टी. एस. ठाकुर के बुधवार की सुबह पद छोड़ने के बाद पदासीन होंगे।

प्रधान न्यायाधीश

न्यायमूर्ति खेहर को बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाएंगे। राष्ट्रपति ने 19 दिसंबर को खेहर को सर्वोच्च न्यायालय का 44वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया था।

न्यायमूर्ति ए.एम खानविलकर और डी.वाई.चंद्रचूड़ ने एक संक्षिप्त आदेश के जरिए तेजसिंह अशोकराव गायकवाड की याचिका खारिज कर दी। याचिका में कहा गया था कि न्यायमूर्ति खेहर प्रधान न्यायाधीश बनने के पात्र नहीं हैं क्योंकि उन्होंने एक फैसले में राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग द्वारा उच्चतर न्यायपालिका के न्यायाधीशों की नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया था।

याचिकाकर्ता ने केंद्र से न्यायामूर्ति खेहर को भारत के प्रधान न्यायाधीश पद की शपथ लेने से रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता ने कहा था कि भारत के मुख्य न्यायाधीश होने के नाते न्यायमूर्ति खेहर को सात न्यायाधीशों को सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त करने के लिए संस्तुति का अधिकार होगा।

न्यायमूर्ति खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को 99वें संविधान संशोधन कानून 2014 और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति कानून 2014 को असंवैधानिक करार दिया था। उस संविधान पीठ के फैसले को न्यायमूर्ति खेहर ने लिखा था।

सर्वोच्च न्यायालय ने 30 दिसंबर को भी नेशनल लायर्स कंपेन फॉर ज्यूडिशियल ट्रांसपरेंसी एंड रिफार्म्स एवं अन्य की ऐसी ही याचिका खारिज की थी। उसमें भी खेहर को अगला प्रधान न्यायाधीश नहीं बनाने की मांग की गई थी, जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था।

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