श्रीलंका में भारतीय तमिलों के साथ मोदी ने साझा किया सबसे बड़ा राज, आखिर उन्हें क्यों पसंद है ये चीज़

प्रधानमंत्री मोदीडिकोया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने खास अंदाज वाली ‘चाय पे चर्चा’ का इस्तेमाल शुक्रवार को श्रीलंका में भी किया, जहां उन्होंने भारतीय मूल के तमिलों के दिल में खास जगह बनाई। यह चाय बागान का क्षेत्र है, जहां दुनिया भर में मशहूर सिलोन चाय की खेती की जाती है। केवल यही नहीं, उन्होंने बातचीत के दौरान तमिल भाषा में कुछ पंक्तियां भी कहीं, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी कहा कि उनलोगों से मिलकर न केवल उन्हें खुशी हो रही है, बल्कि वह खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

भारतीय मूल के तमिलों को संबोधि करते हुए उन्होंने कहा, “मेरा चाय के साथ विशेष रिश्ता है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान शुरू की गई ‘चाय पे चर्चा’ केवल एक प्रचार वाक्य नहीं है, बल्कि ईमानदार श्रमिकों की गरिमा तथा एकजुटता के प्रति एक गहरा आदर है।”

प्रधानमंत्री की इस उक्ति का दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया।

उन्होंने यह भी कहा कि चाय बगान के इलाके ने प्रतिष्ठित एमजीआर तथा मशहूर क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन को पैदा किया है, जिसके बाद एक बार फिर तालियों की गडगड़ाहट गूंज उठी।

मोदी अंतर्राष्ट्रीय वेसाक दिवस में शिरकत करने के लिए गुरुवार से श्रीलंका के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने डिकोया में भारत की सहायता से 150 करोड़ रुपये की लागत से बने एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया। डिकोया में भारी तादाद में भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं।

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