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प्रदेश सरकार और लोकायुक्तलखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा लोक भवन निर्माण मामले में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक आर.के. गोयल, के खिलाफ की गई शिकायत पर लोकायुक्त द्वारा कार्रवाई न किए जाने पर प्रदेश सरकार और लोकायुक्त से जवाब मांगा है।

न्यायाधीश नारायण शुक्ला और शिव कुमार सिंह प्रथम की पीठ ने लोकायुक्त तथा उत्तर प्रदेश सरकार से दो सप्ताह में जवाब देने को कहा और अगली सुनवाई की तारीख 24 मई तय कर दी है।

नूतन ने लोकायुक्त को दी शिकायत में कहा था कि लोक भवन निर्माण में किए जाने वाले मिर्जापुर यलो सैंड स्टोन की आपूर्ति व फिक्िंसग के 6 जून, 2015 को विज्ञापित टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितता हुई है, जो एक खास फर्म मेसर्स लखनऊ मार्बल इंडस्ट्रीज (मालिक आशुतोष अग्रवाल) को लाभ पहुंचाने के लिए है। उन्होंने कहा था कि टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होने के पहले ही आरोपी फर्म ने अपना काफी सारा काम भी कर लिया है।

तत्कालीन लोकायुक्त एन.के. महरोत्रा ने शिकायत को खारिज करते हुए नूतन की प्रतिभूति धनराशि जब्त कर ली थी। नूतन ने उच्च न्यायालय को कहा कि महरोत्रा ने ऐसा जानबूझ कर किया था और की गई शिकायतों को सही पाए जाने पर भी उन्हें दरकिनार कर दिया था। उन्होंने मामले की दोबारा जांच की मांग की है।

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