प्रदूषण रोकने में नाकाम साबित हुआ प्रशासन, जिला महिला एवं पुरुष अस्पतालों पर भारी जुर्माना

रिपोर्ट-संजय मणि त्रिपाठी/मुरादाबाद

देश में प्रदूषण नियंत्रण के तमाम दावों के बाद भी सरकारी महकमे सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं, ताजा मामला मुरादाबाद का है,जहां प्रदूषण रोकने में नाकाम साबित हुए जिला महिला एवं पुरुष अस्पतालों पर भारी जुर्माना लगाया गया है.

अस्पतालों के वेस्टेज का सही तरीके से निस्तारण न होने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी के आदेश के बाद अस्पतालों पर बारह-बारह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पताल भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रडार पर है.

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प्रदूषण नियंत्रण में निजी अस्पतालों के साथ सरकारी अस्पताल भी नाकाम साबित हो रहे हैं,मुरादाबाद जिले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पुरुष एवं महिला जिला अस्पताल पर प्रदूषण रोकने के प्रभावी इंतजाम करने में विफल रहने पर कुल चौबीस लाख रुपए का जुर्माना किया गया है.

दरअसल 2016 में एनजीटी ने सभी अस्पतालों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के आदेश दिए थे लेकिन सरकारी अस्पतालों अपने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले सप्ताह अस्पतालों को सहमति पत्र लेने का नोटिस जारी किया था लेकिन अस्पतालों ने इस पर भी किनारा कर दिया.

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जिला महिला एवं पुरुष अस्पताल की जांच पिछले महीने एनजीटी की एक टीम ने की थी, जिसमें अस्पताल प्रदूषण के मानकों में फेल साबित हुए थे,सरकारी अस्पतालों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एनजीटी के आदेशों के बाद भी नहीं लगा पाए.

जिससे अस्पतालों से निकलने वाले प्रदूषित पानी पर्यावरण को क्षति पहुंचा रहा है!जिला अस्पतालों की जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद जुर्माने की कार्रवाई की गई .

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी के मुताबिक मुरादाबाद जनपद के सरकारी अस्पतालों पर कार्रवाई के बाद अब निजी अस्पतालों की जांच की जा रही है और एनजीटी के सख्त आदेश है!कि मानकों को पूरा न करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाए.

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