प्रदूषण फैलाने वाले सर्विस सेंटरों पर ताला लगाने की तैयारी

प्रदूषणदेहरादून: पर्यावरण संबंधी मानकों का मखौल उड़ाने वाले शहर के 12 सर्विस सेंटरों पर बंदी की तलवार लटक गई है। विभिन्न ऑटोमोबाइल कंपनियों के इन सर्विस सेंटरों ने उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के नोटिस के बाद भी कार्यशाला में उत्प्रवाह शुद्धीकरण संयंत्र (ईटीपी) की व्यवस्था नहीं की थी। अब पीसीबी इन्हें बंदी का नोटिस थमाने जा रहा है। मुख्य पर्यावरण अधिकारी ने बताया कि इसके लिए क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

शहर में बड़ी संख्या में छोटे-बड़े सर्विस सेंटर हैं। इनमें से कई विभिन्न ऑटोमोबाइल कंपनियों के हैं। अधिकांश सर्विस सेंटरों में वाहनों की सर्विस के वक्त निकलने वाले पेट्रोल-डीजल और तेलयुक्त जल के शुद्धीकरण के लिए पुख्ता इंतजामात नहीं हैं। कार्यशाला से यह पानी सीधे नालियों में बहा दिया जाता है। यह पानी भूमिगत जल को भी दूषित करता है। जबकि नियमानुसार इस अपशिष्ट के शोधन के लिए हर सर्विस सेंटर में ईटीपी लगाया जाना चाहिए। इसका संज्ञान लेते हुए कुछ समय पहले पीसीबी ने ऐसे सर्विस सेंटरों को नोटिस जारी किया था।

पीसीबी के मुख्य पर्यावरण अधिकारी सीएस रावत ने बताया कि ईटीपी, एनओसी आदि से जुड़े मामलों की अनदेखी करने वाले 12 सर्विस सेंटरों को नोटिस भेजकर जल्द ईटीपी आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए थे। मगर इन सर्विस सेंटरों ने न तो नोटिस का जबाव दिया और न ईटीपी की व्यवस्था ही की। अब इन्हें बंदी के नोटिस जारी किए जा रहे हैं, जल्द ही इन पर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

इन सेंटरों को भेजे गए थे नोटिस

सांई मोटर्स सर्विस सेंटर, डीडी मोटर्स के दो सर्विस सेंटर, ह्यूंडई मोटर्स सर्विस सेंटर,  निशांत सर्विस सेंटर, फॉच्यरूनर ऑटो सर्विस सेंटर, फोर्ट ऑटो सर्विस सेंटर,  टोयोटा ऑटो सर्विस सेंटर,  डिवाइन होंडा सर्विस सेंटर,  कॉमर्शियल ऑटो सर्विस सेंटर,  ओबरॉय मोटर्स के दोनों सर्विस सेंटर

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