प्रत्येक विद्यालय में क्रियान्वित होना चाहिये आपदा प्रबंधन का एक्शन प्लान: डॉ० सुषमा गुलेरिया

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान नई दिल्ली की सहायक अचार्य डॉ० सुषमा गुलेरिया ने आज ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा “आपदा प्रबंधन” विषयक पर आयोजित ऑनलाइन कार्यशाला को सम्बोधित किया। कार्यशाला का आयोजन शिक्षाशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो० चंदना डे की अध्यक्षता में किया गया।

डॉ० सुषमा गुलेरिया ने अपने शैक्षणिक ज्ञान तथा विभिन्न अनुभवों को छात्र-छात्राओं के साथ साझा करते हुए बताया कि वर्तमान समय में आपदा प्रबंधन का विशेष महत्व है। उन्होंने आपदा को विभिन्न क्षेत्रों जैसे शिक्षा, जलवायु परिवर्तन, यातायात दुर्घटना, कृषि, समाज तथा व्यक्ति की मानसिक स्तिथि से जोड़ते हुए आपदा प्रबंधन की भूमिका से अवगत कराया।

डॉ० गुलेरिया ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से विस्थापन की समस्या, कृषि में उपज तथा खाद्य पदार्थों की कमी के कारण भुखमरी, व्यक्ति के मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या जैसी गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय में आपदा प्रबंधन का एक्शन प्लान होना चाहिए तथा केंद्र सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के प्रावधानों को निश्चित रूप से क्रियान्वित किया जाना चाहिए।

कार्यशाला का संचालन शिक्षाशास्त्र विभाग की विभा सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष प्रो० चंदना डे द्वारा दिया गया। कार्यशाला में शिक्षाशास्त्र विभाग के सभी विद्यार्थी तथा शिक्षक आयुष मिश्रा, पूजा सिंह एवं विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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