कांग्रेस के हाथ से निकले नेहरू, बीजेपी ने लगाया गले

पोस्टर में जवाहरलाल नेहरूलखनऊ| बाराबंकी में तिरंगा यात्रा के लिए लगाए गए पोस्टर में जवाहरलाल नेहरू और लालबहादुर शास्त्री को प्रमुखता से जगह दी गई है| इस पोस्टर को बीजेपी के प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह की उपस्थिति में लगाया गया|

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पोस्टर में जवाहरलाल नेहरू

ख़ास बात यह है कि पार्टी के छोटे कार्यकर्ता से लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक जिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अपना आदर्श बताते हैं, उन्हें इस पोस्टर में कहीं जगह नहीं मिली है|

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इस बाबत जब पंकज सिंह से पूछा गया तो वह सवाल को टाल गए| उनका कहना था कि आजादी की लड़ाई में बहुत से लोगों का योगदान रहा है|

ऐसे में सवाल ये उठते हैं कि क्या बीजेपी के पास अपने नेताओं की कमी हो गई है? या फिर इसमें उत्तर प्रदेश में चुनाव के मद्देनज़र कोई सियासी चाल छिपी हुई है?

क्या उत्तर प्रदेश में बीजेपी का अगला निशाना जवाहर लाल नेहरू हैं?

आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी आ गई कि आम तौर पर अपने मंचों से नेहरू-गांधी परिवार की आलोचना करने वाली बीजेपी ने जवाहर लाल नेहरू को अपना आदर्श मान लिया?

खैर, बीजेपी के इस पैंतरे के पीछे असल वजह क्या है यह तो वक़्त ही बताएगा लेकिन बीजेपी के इस पोस्टर पर कांग्रेस ने चुटकी ली है|

कांग्रेस पार्टी ने इसे बीजेपी की मजबूरी बताते हुए कहा है कि लड़ाई में जब इनके नेताओं का कोई योगदान ही नहीं था, तो कांग्रेस के नेताओं के चित्र लगाना इनकी मजबूरी है|

कांग्रेस नेता और प्रवक्ता पीएल पुनिया ने तो यहाँ तक कह दिया कि बीजेपी के आदर्श नेता वीर सावरकर तो अंग्रेजों की मदद करते थे| ऐसे में जब भी तिरंगा और स्वतंत्रता की बात होगी,  कांग्रेस नेता ही याद आएंगे|

हालांकि, बाद में बाराबंकी से बीजेपी सांसद प्रियंका सिंह रावत ने मामले को संभालते हुए कहा है कि संसद के सेंट्रल हॉल में भी नेहरूजी का भव्य चित्र लगा हुआ है| देश के पहले प्रधानमंत्री होने के नाते वो सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं| इस पर राजनीति करना ठीक नहीं है|

 

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