इस दिव्य पौधे की एक पत्ती जड़ से खत्म कर सकती है पैरालिसिस इफ़ेक्ट
पैरालिसिस जिसे हम लकवा से भी जानते है। ये बीमारी से शरीर की शक्ति कम हो जाती है उस मरीज को घुमाना-फिराना मुश्किल हो जाता है। लकवा तब होता है जब अचानक दिमाग में लोही (ब्लड) पहुँचाना बंद या फिर दिमाग की कोई नस फट जाती है और मस्तिष्क की कोशिकाओं के आस-पास की जगह पर खून जम जाता है।
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लकवा के लक्षण:-
- बोलने में तकलीफ
- शरीर सुना सुना लगे
- आँख में धुंधला दिखाई दे
- सिर में दर्द होना
- बेहोश होना
- बाएं पैर या बाएं हाथ से काम न कर पाना
- याददाश्त कमजोर होना
लकवा होने के कारण:-
- ज्यादातर मरीजों को धमनियों में खराबी की वजह से इस बीमारी का शिकार होते है।
- मस्तिष्क में अचानक रक्तस्त्राव होना जिसके कारण मरीज के हाथ पैर चलना बंद कर देते है।
- आमतौर पर कई मामलो में देखा गया है कि ब्रेन टूमओर से पीड़ित लोगो को भी ये बीमारी की संभावना रहती है।
- पैरालिसिस शरीर के किसी भी भाग या मस्तिष्क में कैंसर होने के कारण भी लोग इस परेशानी से ग्रसित हो जाते है।
लकवा का आयुर्वेदिक उपचार:-
- खजूर कुछ दिन तक रोज दूध के साथ खाने से लकवा की बीमारी में फायदा होता है।
- उरद को पानी के साथ मिलाकर गरम करके रोज पिने से लाभदायी है।
- नासपती, सेब,अंगूर इन सबका बराबर मात्रा में जूस बनाकर देने से फायदा होता है ये कुछ दिनों उपाय नियत करने से लकवा की बीमारी दूर होती है।
- तुलसी के पत्ते लेकर उबालकर देने से लकवा के रोगी के अंग पर लगाने से लकवा ठीक होने लगता है।
- योग से सब बीमारी से बच सकते है, प्राणायाम और कपालभाति करने से लाभदायी है।