सुकमा में 11 साल में बना 500 मीटर लंबा पुल

पुल के निर्माणरायपुर । छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले की शबरी नदी पर बने आधा किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण में 11 साल लग गए। छत्तीसगढ़ और ओड़िशा दोनों राज्यों के बीच यह पुल सुगम यातायात का माध्यम बनेगा। यह पुल 10 करोड़ 20 लाख रुपयों की लागत से बना है।

दोरनापाल-पोड़िया-कालीमेला मार्ग पर बने इस पुल का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सोमवार को किया। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तमाम कठिन चुनौतियों और अवरोधों के बीच पीडब्लूडी के अधिकारियों, कर्मचारियों, केंद्रीय सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस के जवानों के सहयोग से इसका निर्माण लगभग 11 साल में पूरा हुआ है।

उन्होंने कहा कि लोगों के उत्साह को देखते हुए यह कहावत सच साबित हो रही है कि ‘सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं।’

रमन ने कहा कि इसके निर्माण की घोषणा 11 साल पहले वर्ष 2006 में की गई थी। अब इस अंचल के लोगों का वर्षो पुराना सपना साकार हो गया है।

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार सुकमा जिले में आम जनता की सुविधा के लिए सड़क नेटवर्क के विकास और विस्तार की दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रही है। इस क्षेत्र में सड़कों और पुल-पुलियों के निर्माण में सुरक्षा के अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए कई वीर जवानों ने अपनी शहादत दी है।

उन्होंने कहा, “हम उनकी शहादत का सम्मान करते हुए उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।”

मुख्यमंत्री ने जिले में सड़क अवसंरचनाओं के विकास में प्रशासन, सुरक्षा बल, पुलिस, लोक निर्माण विभाग और निविदाकारों से मिल रहे सहयोग की प्रशंसा की। सुकमा जिले में सुकमा-दंतेवाड़ा के बीच 25 करोड़ रुपये की लागत से सड़क उन्नयन का कार्य हो रहा है। छत्तीसगढ़ और ओड़िशा की सीमा पर इस जिले में कई पुल-पुलियों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने इस बार यह निर्णय लिया था कि लोक सुराज अभियान में कहीं कोई लोकार्पण या शिलान्यास नहीं करूंगा, लेकिन इस कठिन इलाके में सबके सहयोग से 11 साल में पूर्ण हुए इस पुल के लोकार्पण के लिए आमंत्रण मिलने पर मैंने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए अपने निर्णय को परिवर्तित किया।”

उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग में सड़क, रेल और विमान और इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। बस्तर नेट परियोजना इस इलाके में इंटरनेट सेवाओं के लिए काफी लाभदायक होगी।

मुख्यमंत्री ने दोरनापाल-कालीमेला पुल के ठेकेदार को प्रशस्तिपत्र और स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

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