पुलवामा हमले का राज़ खोलेगा जैश को ना कह चुका ये कश्मीरी, कई बातें निकली सच!

नई दिल्ली। पुलवामा में हुए आतंकी हमले की कड़ी को सुलझाने में जांच एजेंसियां लगी हुई हैं। इसमें लाल रंग की ईको कार और एक युवक आरजू बशीर दो महत्त्वपूर्ण कड़ियां हो सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, घटना के पहले बस नंबर 4 और 2 में बैठे जवानों ने हमलावर आदिल डार को लाल रंग की ईको कार में तीसरे नंबर की बस के पास आते हुए देखा था। वह कार को लगातार दाएं और बाएं मोड़ रहा था।

तीसरे नंबर की बस के सुरक्षाकर्मी लगातार उसे दूर जाने को कह रहे थे, लेकिन करीब दो मिनट तक बस के साथ चलने के बाद कार को आदिल डार ने बस में भिड़ा दिया।

सीआरपीएफ जवानों ने मीडिया को बताया कि लाल रंग की ईको कार ने जम्मू से ही काफिले का पीछा करना शुरू कर दिया था। वो सबसे पिछली बस में कार को भिड़ाना चाहता था, लेकिन वह जब ऐसा नहीं हो पाया तो उसने तीसरे नंबर की बस को टक्कर मार दी। इस घटना में 40 सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गई।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फॉरेंसिक टीम और एनआईए को घटनास्थल से ईको कार का एक बंपर मिला जो कि चश्मदीदों की बताई हुई बात से मेल खाती है। जांच अधिकारी इस बात का भी पता लगाने में लगे हैं कि डार को विस्फोटक कहां से मिला? इस सवाल का जवाब संभवतः आरजू बशीर के पास है जिससे कभी जैश-ए-मोहम्मद ने उसी काम के लिए संपर्क किया था, जिसे अब आदिल डार ने अंजाम दिया।

बशीर ने 2017 में पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने कहा था कि जैश-ए-मोहम्मद ने सेना के काफिले पर हमला करने के लिए उससे संपर्क किया था।

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एक अधिकारी ने बताया कि जैश के जिस आदमी ने आरजू से संपर्क किया था और जिसने डार को विस्फोटक उपलब्ध कराया उसमें अगर कोई संबंध निकलता है तो इससे पुलवामा हमले के कई राज़ खुल सकते हैं।

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