पीलिया को जड़ से उखाड़ फेंकेगा ये घरेलू नुस्खा
गर्मी तथा बरसात के दिनो में जो रोग सबसे अधिक होते है, उनमें से पीलिया प्रमुख है। पीलिया ऐसा रोग है, जो एक विशेष प्रकार के वायरस के कारण शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाने से होता है इसमें रोगी को पीला पेशाब आता है। नाखून, त्वचा एवं आँखों का सफ़ेद भाग पीला पड़ जाता है। बेहद कमजोरी कब्जियत, जी मिचलाना, सिरदर्द, भूख न लगना आदि परेशानिया भी रहने लगती है।
पीलिया होने का प्रमुख कारण :-
विषाणु जनित यकृतशोथ या Viral Hepatitis यह एक प्रकार के वायरस से होने वाला रोग है। ये समान्यता दूषित जल, कच्ची सब्जियों आदि से फैलता है। यह पेट से यह लीवर में और वहां से सारे शरीर में फ़ैल जाता है। रोगी को लगाईं गई इंजेक्शन का अन्य स्वस्थ व्यक्ति पर प्रयोग करने से व रोगी का खून दूसरे व्यक्ति में चड़ने से भी यह रोग फैलता है।
ये बेर दिखने में है काली लेकिन फायदे हैं निराले
आयुर्वेद में पीलिया का उपचार:-
पीलिया में फिटकरी और मूली के पत्ते का रस बहुत उपयोगी हैं। अगर आप पीलिया का इलाज कर रहे हैं तो निश्चित हो कर इसको अपनाएं। इससे आपको सही होने में बहुत मदद मिलेगी।
मूली के पत्तों का रस
मुली के पत्तों और टहनियों का रस 50 ग्राम में 10 मिश्री मिलकर सुबह खाली पेट पीने से एक सप्ताह के भीतर पीलिया रोग दूर हो जाता है।
फिटकरी
बढ़िया सफ़ेद फिटकरी पीसकर 1/8 ग्राम से आधा ग्राम (2 से 4 रत्ती) की मात्रा में गाय की छाछ या दही के साथ दिन में तीन बार पीने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।