
नई दिल्ली। पीपली लाइव के को – डायरेक्टर महमूद फारूकी पर विदेशी शोध छात्रा से दुष्कर्म का आरोप है, जिसकी वजह से कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया था। उनको अब दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सात साल की सज़ा सुनाई है। उनपर कोर्ट ने 50,000 रूपये का जुर्माना भी लगाया है। अगर उन्होंने जुर्माना नहीं भरा तो उनकी सज़ा तीन महीने बढ़ा दी जाएगी।
पीपली लाइव के सह निर्देशक ने किया था रेप
यह अमेरिकी स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटी की पीएचडी की छात्रा है, जिन्होंने 28 मार्च 2015 को निवास पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। यह छात्र रिसर्च के सिलसिले में भारत आई हुई थी। वह अपने दोस्त के ज़रिये फारूकी से मिली। उसके बाद रिसर्च में मदद के लिए इसका और फारूकी के बीच मिलना-जुलना शुरू हुआ। एक दिन नशे के हालत में फारूकी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर पीड़िता ने केस दर्ज कराया जिसके बाद जांच शुरू हुई।
पीड़िता ने 9 सितंबर, 2015 को अदालत में पेश होकर फारूकी के खिलाफ बयान दर्ज कराया था। उसने कहा कि फारूकी ने घटना के बाद उससे ई-मेल के जरिए माफी भी मांगी। वहीं, फारूकी ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उन्हें फंसाया जा रहा है।
इतना ही पुलिस, पुलिस ने भी 29 जून को दायर चार्जशीट में फारूकी पर दुष्कर्म और सबूत मिटाने का आरोप लगाया। लेकिन अदालत ने सबूत मिटाने के आरोपों को छोड़ते हुए फारूकी को दुष्कर्म का दोषी माना है।
हालाँकि फारूकी जमानत पर थे लेकिन अदालत में दोषी साबित होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।