पीएम का खुद को चौकीदार कहना एक चुनावी एजेंडा है, जानिए असली चौकीदारों का दर्द

नई दिल्ली : देश के प्रधानमंत्री के साथ हर कोई अब अपने आप को चौकीदार कहने में लगा हुआ है पर जो असली चौकीदार हैं वह यह मानते हैं कि सरकार ने 5 साल में उनके लिए कुछ नहीं किया है ।

मोदी

वही चौकीदार शब्द एक चुनावी एजेंडा बना के रख दिया है। देखा जाये तो एक तरफ जहां पीएम मोदी, बीजेपी के कई दिग्गज नेता और कार्यकर्ता खुद को चौकीदार बता रहे हैं, तो वहीं देश में लाचारी और मजबूरियों का सामना कर रहे चौकीदार खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

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जमकर हुई राजनीति –

बता दें की ‘चौकीदार’ इस एक शब्द पर इन दिनों जमकर राजनीति हुई. बीजेपी ने खुद को चौकीदार बताया तो कांग्रेस ने कहा कि चौकीदार ही चोर है, लेकिन असली चौकीदारों के लिए किसी ने कोई भी काम नहीं किया , वो आज भी बिना छुट्टी और कम वेतन के दिन-रात ड्यूटी करने को मजबूर हैं।

चुनावी एजेंडा –

दरअसल ऐसे ही कुछ चौकीदारों से हमारे सहयोगी ने बात की तो उनका कहना है कि सरकार खुद को जो चाहे नाम दे ले लेकिन उनका भला तो किसी ने नहीं किया है। वही पीएम का खुद को चौकीदार कहना केवल एक चुनावी एजेंडा है बाकी कुछ नहीं, जो चुनाव के बाद खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगा।

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