क्या ज्यादा पालक खाने से हैं सेहत को नुकसान…
जब पालक के साथ ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं जिनमे फाइबर की मात्रा अधिक होती है, तो पेट दर्द और बुखार के साथ-साथ लूज मोशन की समस्या शुरू हो जाती है जिस कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
पालक निश्चित तौर पर एक बेहतरीन सब्जी है जिसका सेवन शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। पालक में कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद हैं जो कई प्रकार से सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
इसके अलावा इसका प्रयोग औषधीय रूप में भी किया जाता है। लेकिन पालक का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है, पालक के अत्यधिक सेवन के अपने ही नुकसान हैं।
पालक के अधिक सेवन के नुकसान
पेट की समस्या – पालक फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। केवल एक कप पालक के सेवन से ही शरीर को तकरीबन 6 ग्राम फाइबर मिल जाता है।
भले ही फाइबर पाचन के लिए जरुरी है, लेकिन शरीर को इसका आदि होने में समय लगता है, इसीलिए पालक का अधिक सेवन शरीर के लिए खतरनाक होता है और इससे पेट में दर्द और गैस की शिकायत बनी रहती है। ऐसी अवस्था से बचने के लिए थोड़ा-थोड़ा पालक का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।
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एंटीकायगुलेंट में परिवर्तन – अगर आप एंटीकायगुलेंट वारफेरिन लेते हैं तो पालक को छोड़ दें। इसमें विटामिन ‘के’ उच्च स्तर होता है, जो दवा के साथ रिएक्शन कर सकता है और आपके यकृत संश्लेषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
एनीमिया है तो – हाँ, आपने बिलकुल सही सुना, पालक के ज्यादा सेवन से एनीमिया की शिकायत हो सकती है। पालक के अधिक सेवन से शरीर खाये हुए खाने से उचित मात्रा में आयरन अवशोषित नहीं कर पाता है। इसी कारण एनीमिया की समस्या बढ़ सकती है।
विषाक्तता का भी है खतरा – कई बार पालक शरीर को विषाक्त भी कर सकता है। पालक के पत्ते का सेवन शरीर को विषाक्त कर सकता है और नुकसान पहुंचा सकता है।
सिंचाई के समय प्रयोग किये गए केमिकल वाले खाद पालक के पत्तों को विषाक्त बना देता है जिसके सेवन से शरीर में बीमारियां उत्पन्न हो जाती है और कभी-कभी हालत गंभीर होने पर व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है।
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पालक के नुकसान डायरिया में – पालक के अत्यधिक सेवन से पेट में गैस उत्पन्न हो जाती है। जब पालक के साथ ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं जिनमे फाइबर की मात्रा अधिक होती है, तो पेट दर्द और बुखार के साथ-साथ लूज मोशन की समस्या शुरू हो जाती है जिस कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए शरीर में जरूरत के हिसाब से ही फाइबर का सेवन उचित है।
गठिया का रोग – पालक में प्यूरीन उच्च मात्रा में पायी जाती है। जो शरीर में मेटाबोलिज्म को बढ़ा देती है, जो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ा देती है। इसलिए अगर आप गठिया जैसी बीमारी से परेशान हैं तो आपको पालक का सेवन बंद कर देना चाहिए वरना यह आपके जोड़ो में गंभीर दर्द और सूजन उत्पन्न कर सकता है।
मिनरल्स की कमी – पालक का अधिक सेवन शरीर में मिनरल्स के अवशोषण में बाधा पहुंचाते हैं। पालक में ऑक्सेलिक एसिड होता है जो विभिन्न कैल्शियम, मैग्नीशियम, जस्ते आदि जैसे कई आवश्यक खनिजों से बंधा होता है जिसके कारण शरीर पूरी तरह से मिनिरल्स अवशोषित नहीं कर पाता और जिसके कारण शरीर में खनिज की कमी से होने वाले कई रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
किडनी की समस्या – पालक में बड़ी मात्रा में प्यूरिन पायी जाती है। इसमें कार्बनिक यौगिक होता है जब यह हमारे शरीर में अधिक मात्रा में पहुँच जाता है तो यह यूरिक परिवर्तित हो जाता है। ऐसा करने से किडनी में कैल्सियम की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण किडनी में छोटे -छोटे टुकड़े एकत्रित हो जाते हैं और यह किडनी के स्टोन में परिवर्तित हो जाता है।