पहाड़ी इलाके में जाम में फंसी महिला की दर्दनाक मौत, पांच घंटे तड़पती रही

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से माइग्रेशन पर व्यास घाटी की ओर जा रही महिला की मौत हो गई। इससे पहले वह सड़क कटिंग के दौरान मलबा आने से पांच घंटे तक सड़क पर तड़पती रही। समय पर उपचार नहीं मिलने से महिला ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।

महिला की दर्दनाक मौत

व्यास घाटी के बूंदी गांव निवासी शांति देवी पत्नी स्व.नंदन सिंह अपने जानवरों के साथ माइग्रेशन पर जा रही थी। नजंग के समीप तेज हवाएं चलने के दौरान पहाड़ी से बोल्डर गिरने लगे जिनकी चपेट में आकर वह गंभीर रूप से घायल हो गई।

इसी दौरान सड़क कटिंग के लिए की गई ब्लास्टिंग से भारी मात्रा में सड़क पर मलबा आने से रास्ता भी बंद हो गया। मलबा हटाने में सीमा सड़क संगठन को पांच घंटे का समय लग गया। इस दौरान महिला तड़पती रही। रास्ता खुलने के बाद परिजन महिला को लेकर रात दस बजे अस्पताल पहुंचे, लेकिन गंभीर रूप से घायल महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

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एक घंटे तक जाम में फंसी रही एंबुलेंस

सड़क कटिंग के चलते नेशनल हाइवे में इन दिनों रोज जाम लग रहा है। मंगलवार को कनालीछीना के गुड़ौली के समीप पहाड़ी से गिरे मलबे के कारण लंबा जाम रहा। इस जाम में कनालीछीना की ओर आ रही एक एंबुलेंस भी फंसी रही। इधर, पिथौरागढ़ और घाट रूट पर भी दिन भर जाम की स्थिति रही। बारिश नहीं होने से धूल की समस्या भी बनी हुई है। धूल के कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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सड़क काटने के दौरान ब्लास्टिंग न की जाए
सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र बुदियाल और जिला पंचायत सदस्य मंजुला देवी ने माइग्रेशन के दौरान खतरा बने पत्थरों को हटाने और सड़क कटिंग के दौरान ब्लास्टिंग बंद करने की मांग की है। धारचूला में महिला का पोस्टमार्टम करने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया है। नजंग से लौटे वाहन चालक ने बताया कि नजंग और मालपा के बीच मंगलवार शाम को सड़क बंद हो गई है, जिसके फिलहाल खुलने की उम्मीद नहीं है।

 

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