पहली बार पीएम मोदी कर रहे हैं देश को सम्बोधित , अयोध्या फैसले को लेकर कही अहम बात

देश के पीएम नरेंद्र मोदी शाम 6 बजे से देश को सम्बोधित कर रहे हैं. बतादें की सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली बार देश को सम्बोधित कर रहे हैं.वहीं पीएम नरेंद्र मोदी का कहना हैं की ‘अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत का नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे.

 

 

 

 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को सर्वसम्मति से अयोध्या में विवादित स्थल को लेकर फैसला सुना दिया. शीर्ष कोर्ट के फैसले से राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि नई मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ का भूखंड मुहैया कराया जाए.

 

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शीर्ष कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा विवादित जमीन को तीन पक्षों में बांटने के फैसले को अतार्किक करार दिया. आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया.

 

वहीं मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस व्यवस्था के साथ ही राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील 134 साल से भी अधिक पुराने इस विवाद का पटाक्षेप कर दिया. इस विवाद ने देश के सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव के ताने बाने को तार तार कर दिया था.

 

संविधान पीठ ने अपने 1045 पन्नों के फैसले में कहा कि नई मस्जिद का निर्माण ‘प्रमुख स्थल’ पर किया जाना चाहिए. साथ ही उस स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित किया जाना चाहिए जिसके प्रति हिन्दुओं की यह आस्था है कि भगवान राम का जन्म यहीं हुआ था.

 

इस स्थान पर 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद थी जिसे कार सेवकों ने छह दिसंबर, 1992 को गिरा दिया था. विवादित स्थल गिराए जाने की घटना के बाद देश में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे.

 

पीठ ने कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला विराजमान को सौंप दिया जाए, जो इस मामले में एक वादकारी हैं. हालांकि यह भूमि केन्द्र सरकार के रिसीवर के कब्जे में ही रहेगी.

 

दरअसल न्यायालय ने कहा हैं कि हिन्दू यह साबित करने में सफल रहे हैं कि विवादित ढांचे के बाहरी बरामदे पर उनका कब्जा था और यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड अध्योध्या विवाद में अपना मामला साबित करने में विफल रहा है.

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