पर्वतारोहियों की मौत से चिंतित हुआ नेपाल, करने जा रहा ये बड़ा बदलाव

काठमांडू। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वालों की बढ़ती संख्या और इस सीजन में हुई कई मौतों के बाद नेपाल इस पर्वत पर चढ़ने वालों की संख्या को सीमित करना चाहता है। हालांकि पर्वतारोहण क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि प्रस्तावित बदलावों से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा और यह सिर्फ दिखावा भर होगा।


इसी सप्ताह खत्म हुए पर्वतारोहण सीजन में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि चढ़ाई करने वालों की बहुत ज्यादा संख्या को सिर्फ चार लोगों की मौत का कारण बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि बाकी मौतों के लिए अनुभवहीनता जिम्मेदार है।

काठमांडू से लौटने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान चिली के पर्वतारोही जुआन पाब्लो मोहर ने कहा, ‘‘जिन लोगों को पर्वतारोहण के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जो कभी पहाड़ पर नहीं चढ़े, वह लोग आ रहे हैं और एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।’’

काठमांडू वर्षों से 11,000 डॉलर देने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को एवरेस्ट पर चढ़ने का परमिट दे देता है। वह इसकी तस्दीक नहीं करता है कि व्यक्ति पर्वतारोही है भी या नहीं।

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नेपाल के पर्यटन मंत्रालय के सचिव मोहन कृष्ण सपकोटा का कहना है कि हम पर्वतारोहियों की संख्या कम करने, चढ़ाई के रास्ते में ज्यादा से ज्यादा रस्सियां लगाने, ज्यादा ऑक्सीजन ऊपर लेकर जाने और शेरपा (गाइड) पर ध्यान दे रहे हैं।

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