
पणजी। कांग्रेस की गोवा इकाई के प्रवक्ता रमाकांत खलप ने मंगलवार को कहा कि रक्षामंत्री के तौर पर मनोहर पर्रिकर सुखोई एसयू-30एमकेआई को खरीदने के पक्ष में थे, जोकि सस्ता था और फ्रांस के राफेल जेट जैसा ही बेहतर था, फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल जैसे मंहगे विमान का सौदा क्यों किया। यहां राज्य कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता में खलप ने यह भी कहा कि राफेल सौदे का रहस्य पेरिस, दिल्ली और गोवा के भौगोलिक त्रिकोण में फंस कर रह गया है।
उन्होंने कहा, “अब राज्य के बीमार मुख्यमंत्री अपने पैर पर खड़े हो गए हैं, उन्हें इस विवादास्पद सौदे से संबंधित सवालों के जवाब देने चाहिए।”
खलप ने कहा, “जुलाई 2015 में राज्यसभा में उन्होंने कहा था कि 126 विमानों के समझौते को समाप्त किया जा रहा है और 36 राफेल विमानों पर चर्चा शुरू की जाएगी। इससे पहले फरवरी 2014 में, उन्होंने कहा था कि राफेल विमान के स्थान पर सुखोई एसयू-30एमकेआई खरीदा जाएगा, क्योंकि यह राफेल जैसा ही बेहतर, मगर सस्ता है। यह भारत के रक्षामंत्री की हैसियत से मनोहर पर्रिकर का विचार था।”
पूर्व केंद्रीय कानून राज्य मंत्री ने कहा, “यह जनाब पर्रिकर पर है..अब वह चल-फिर रहे हैं, उनसे एक संवाददाता सम्मेलन की मांग करना बिल्कुल उचित होगा। वह इस मुद्दे पर और प्रकाश डाल सकते हैं।”
केंद्र सरकार पर राफेल सौदे में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए खलप ने कहा कि राफेल रहस्य की चाबी तीन भौगोलिक क्षेत्रों में पड़ी हुई है।
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खलप ने कहा, “हमारे पास दिल्ली, पेरिस है, गोवा है। एक त्रिकोण, जिसके पास संभवत: राफेल विमान का रहस्य है। अगर नहीं तो संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) का गठन किया जाए। राजग की मौजूदा सरकार का भविष्य संभवत: फ्रेंच अक्षरों और फ्रेंच भाषा में लिखा जाएगा।”