पर्यटन मामले में ताइवान की नजर भारत पर, मिलाना चाहता है हाथ

पर्यटनताइपेहरेभरे पहाड़ों, समुद्र और तेज गति की ट्रेनें, केबल कार, मनोरंजन पार्क और अन्य आकर्षणों के साथ ताइवान की नजर भारतीय परिवारों, फिल्म उद्योग और व्यापारों पर है। ये बातें ताइवान पर्यटन ब्यूरो के एक अधिकारी ने कही। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के एक विशेषज्ञ ने कहा कि भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और भारत में ताइवान के बढ़ते औद्योगिक निवेश के मद्देनजर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए मंच तैयार है।

परिवहन और संचार मंत्रालय के तहत पर्यटन ब्यूरो के अंतर्राष्ट्रीय मामले के विभाग के शुहान पान ने कहा, “हम भारतीय परिवारों की ताइवान यात्रा के इच्छुक हैं। ट्रेवल एजेंटों से ताइवान को फिल्मों की शूटिंग के एक स्थल के रूप में प्रचारित करने के लिए कहा गया है। हम ताइवान को कॉरपोरेट बैठकों और सम्मेलनों के स्थल के रूप में भी बढ़ावा दे रहे हैं।”

पान के अनुसार, गत साल 40,000 भारतीय पर्यटक ताइवान आए थे और चलन के अनुरूप यह संख्या बढ़ सकती है।

दक्षिणपूर्व एशियाई देशों (भारत, अंडोनेशिया, फिलीपींस, वियतनाम, म्यांमार, कंबोडिया और लाओस)से और अधिक उत्कृष्ट पर्यटक समूहों को आकर्षित करने के लिए ताइवान ने एक सरलीकृत समूह वीजा नीति की घोषणा की है।

पान के अनुसार, भारत के विभिन्न आर्थिक वर्ग के लोगों के लिए ताइवान में एक सितारा से लेकर पांच सितारे तक कई श्रेणी के होटलें हैं।

ताइवान और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंध जिस मुकाम पर हैं वह इसे एक ऊंची डड़ान भरने की उम्मीद है।

अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के एक विशेषज्ञ ने कहा, “ताइवान के उद्योग जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो पार्ट्स उद्योग और अन्य भारत में फैक्ट्री लगाने के इच्छुक हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि अधिकांश भारतीय घरों में ताइवानी उत्पाद हैं, इसलिए ताइवानी कंपनियां अब दूसरों के लिए ठेके पर समान बनाने की जगह अपने ब्रांड के निर्माण के बारे में सोच रही हैं।

उन्होंने कहा कि ताइवानी कंपनियां इंटर्नशिप रिक्तियों के कुछ भाग भारतीय छात्रों के लिए आरक्षित कर रही हैं।

 

LIVE TV