परीक्षा में पास होने के बाद भी क्यों लिख गया प्रधानमंत्री मोदी के रिपोर्ट कार्ड में ये शब्द ?

नई दिल्ली। 1 जनवरी 2019 को पीएम मोदी का एएनआई को दिया हुआ इंटरव्यू आजकल सुर्खियों में है। इसे बीजेपी की चुनावी रणनीति भी माना जा रहा है।

विपक्ष इस इंटरव्यू की आलोचना भी कर रहा है। इसी क्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदंबरम ने एक अखबार को लेख लिखकर प्रधानमंत्री को हर क्षेत्र मे फेल बताया है।

उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को हाल में दिए प्रधानमंत्री नरेंद्र के इंटरव्यू का हवाला देते हूए सरकार पर कई सवाल उठाए हैं। नोटबंदी, जीएसटी, सर्जिकल स्ट्राइक, लिंचिंग, आरबीआई गवर्नर का इस्तीफा, सबरीमाला, तीन तलाक बिल, राफेल सौदा और कर्ज माफी जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है।

चिदंबरम ने लेख के शुरू में ही लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इंटरव्यू में कहा कि ‘तेलंगाना और मिजोरम में लोगों ने बीजेपी को चांस नहीं दिया जबकि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के खिलाफ स्पष्ट जनादेश मिला। राजस्थान और मध्य प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा की हालत रही।’

इसके जवाब में चिदंबरम ने लिखा है कि मिजोरम और तेलंगाना को छोड़ बाकी के तीन राज्यों में कांग्रेस को निर्णायक जनादेश मिला और वहां त्रिशंकु वाली कोई बात नहीं थी। छत्तीसगढ़ में बीजेपी 34 सीट हार गई (49 से 15), मध्य प्रदेश में 56 (165 से 109) और राजस्थान में 90 (163 से 73) सीटों का झटका लगा।

इसे बीजेपी के खिलाफ निर्णायक जनादेश कहेंगे। इसलिए नरेंद्र मोदी की विवेचना को बहुत कम लोग मानेंगे। चिदंबरम ने इसी क्रम में आरएसएस का भी जिक्र किया और कहा कि पांच राज्यों की हार को संघ समझ गया है इसलिए हिंदुत्व का मुद्दा उछालकर राम मंदिर के लिए अध्यादेश की मांग हो रही है, जबकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

नोटबंदी, जीएसटी, सर्जिकल स्ट्राइक, लिंचिंग, आरबीआई गवर्नर का इस्तीफा, सबरीमाला, तीन तलाक बिल, राफेल सौदा और कर्ज माफी जैसे मुद्दों को उठाते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने पूर्व में भारी गलतियां की हैं लेकिन प्रधानमंत्री इसे मानने को तैयार नहीं।

चिदंबरम के मुताबिक, नोटबंदी अब तक की सबसे बड़ी गलती थी, जीएसटी को गलत तरीके से लागू करने के कारण यह बदतर हालत में है, सर्जिकल स्ट्राइक कोई खास घटना नहीं थी क्योंकि इससे आतंकवाद और घुसपैठ पर रोक नहीं लग पाई, तीन तलाक बिल पूरी तरह से पक्षपाती है, राफेल सौदे ने एयर फोर्स और हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड की बात नहीं सुनी और गलत नीतियों के कारण किसानों की कर्जमाफी अब अनिवार्य बन गई है।

चिदंबरम ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री आगे के बारे में कुछ नहीं बताते, बस बीती बातें उठाते हैं। लोगों की दशा कैसे सुधरे, अर्थव्यवस्था पटरी पर कैसे लौटे, इस बारे में वे कुछ नहीं बोले। उनके रिपोर्ट कार्ड के हर पेज पर फेल लिखा है।’

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वित्तीय घाटा नवंबर 2018 अपने लक्ष्य का 115 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इतना कुछ के बावजूद हताश सरकार कुछ राहतों का ऐलान कर सकती है। मुद्दों से भटकी यह सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश भी ला सकती है जो सुप्रीम कोर्ट की अवमानना होगी। हालांकि चुनाव से महज 10 हफ्ते पहले सरकार के हर ऐसे कदम को जनता बारीकी से देख रही है, परख रही है। इसलिए रिपोर्ट कार्ड पर लिखे ‘फेल’ शब्द को हटाना इतना आसान नहीं।

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चिदंबरम ने लिखा है कि लोगों के बीच अब यह धारणा बनाई जा रही है कि बड़ा बदलाव होने वाला है। ब्याज मुक्त फसल कर्ज और छोटे-मंझोले किसानों को कैश ट्रांसफर की बात हो रही है। सरकार अगर किसानों को कर्ज देने के लिए बैंकों से कहे भी तो कैश ट्रांसफर के लिए पैसा कहां से आएगा।

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