स्टिंग से गिरी गाज, राजभर सहित यूपी के 3 राज्यमंत्रियों के निजी सचिव भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार

लखनऊ। यूपी के एक निजी समाचार चैनल ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया। जिसमें भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे तीन राज्यमंत्रियों के सचिवों को गिरफ्तार कर लिया है।

इन पर स्टिंग के दौरान, तबादले, ठेका-पट्टा दिलाने के लिए डीलिंग करने का आरोप लगा था। मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने तीनों सचिवों को 27 दिसंबर को निलंबित कर दिया था। साथ ही, उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी थी। वहीं, सरकार ने एसआईटी बनाकर 10 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी थी।

राजधानी लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने शुक्रवार रात राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी और खनन मत्री अर्चना पांडेय के निजी सचिव एसपी त्रिपाठी को उनके आवास से गिरफ्तार किया। बाद में उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और जेल भेज दिया गया। आरोपियों की गिरफ्तारी एसआईटी की सिफारिश पर की गई।

मामले की संजीदगी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे एसआईटी को सौंपा था। एडीजी लखनऊ राजीव कृष्णा की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन हुआ। इसमें आईजी (एसटीएफ) और विशेष सचिव (आईटी) राकेश वर्मा शामिल थे। वहीं पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अपने विभागों और कार्यालयों में भ्रष्टाचार के खिलाफ सभी कर्मचारियों को जागरूक करने का निर्देश दिया था।

तीनों मंत्रियों ने ही कार्रवाई का निर्देश दिया

तीनों राज्यमंत्रियों ने अपने निजी सचिवों के भ्रष्टाचार मामले से खुद की अनभिज्ञता जाहिर की थी। इसके साथ ही सभी ने आरोपियों की जांच के निर्देश दिये थे। मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अपने निजी सचिव ओमप्रकाश के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था।

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वहीं, राज्यमंत्री अर्चना पांडेय ने कहा था कि एसपी त्रिपाठी को जरूर सजा मिलनी चाहिए। स्टिंग में ओमप्रकाश बेसिक शिक्षा विभाग में तबादले के लिए रिश्वत मांगते नजर आए थे। स्कूलों में बैग और ड्रेस की सप्लाई के ठेके के लिए मंत्री अनुपमा जायसवाल के पति से डील कराने की बात भी की थी।

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