पपीते के छिलके खाने से दो दिनों में 12 गायों की हुई मौत, सामने आई चौकाने वाली बात….

नई दिल्ली : कार्बाइड से पके फलों पर प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से इसका उपयोग हो रहा है। जहां ऐसे ही जहरीले कार्बाइड से पके पपीते जब आगरा के फाउंड्री नगर की राधाकृष्ण गोशाला की गायों को मिले तो उनकी जान चली गई। यह खुलासा पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है।

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वहीं इसमें साफ कहा गया है कि कार्बाइड से पके पपीते खाने से गाय मरी हैं।राधाकृष्ण गोशाला में दो दिन में 12 गायें मर गईं और 60 बीमार हो गई थीं। हंगामे के बाद जब पशु पालन विभाग के चिकित्सकों और इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने जांच की तो पाया कि इन गायों के चारे में पपीते के छिलके मौजूद थे, जो कार्बाइड से पकाए गए थे।

 

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देखा जाये तो यहां 60 गायों में से 12 तो मर गई थीं, लेकिन बाकी गायों को पशु पालन विभाग ने उपचार कर बचा लिया। पोस्टमार्टम रिपार्ट में कार्बाइड के जहर से मौत के बाद भी विसरा आईवीआरआई बरेली को भेजा गया है, ताकि विस्तृत जांच की जा सके।अधिकारियों ने यह कहा’विभाग द्वारा संचालित गोशालाओं में गायों के चारे पर खास ख्याल रखा जा रहा है।

 

वहीं कार्बाइड से पके फल और छिलके नुकसानदेह है, इसलिए इसे रोका जाए। गोशाला की गाय मरने की यही वजह थी’ – डा. अशोक कुमार दौनेरिया, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी‘कार्बाइड से फल पकाना प्रतिबंधित है।

 

अगर कहीं भी कोई इसका उपयोग कर रहा है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हमने पूर्व में भी कई कार्रवाई की हैं’ 12 गायों की मौत पर हुआ था हंगामामार्च में बांईपुर और फाउंड्री नगर की गोशाला में लगातार गोवंश मरने की घटनाओं से हड़कंप मच गया था। फाउंड्री नगर की राधा कृष्ण गोशाला के संचालक बाबा शंकर लाल हैं।

 

दरअसल यहां 11-12 मार्च को 12 गायें मर गई थीं। कई संगठनों के हंगामा और प्रदर्शन के बाद मौके पर सीडीओ और पशु चिकित्सक पहुंचे थे। पशुपालन विभाग ने चारे की जांच की तो इसमें पपीते के छिलके पाए गए। चिकित्सकों को इसी पर अंदेशा था, जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सही पाया गया।

 

प्रतिबंधित है कैल्शियम कार्बाइडफलों को पकाने में कार्बाइड का इस्तेमाल खाद्य संरक्षा व मानक अधिनियम-2011 की धारा 2.3.5 के तहत वर्जित है। इसका भंडारण, बिक्री, वितरण या आयात करने वालों के लिए सजा का प्रावधान है।

 

वहीं एफएसएसएआई के मुताबिक कैल्शियम कार्बाइड जल के संपर्क में आने पर जहरीली गैस निकलती है, जो नाड़ी तंत्र को प्रभावित करती है। इससे सिरदर्द, चक्कर आना, दिमागी सूजन, मिर्गी, नींद आने, मानसिक उलझन आदि समस्याएं भी होती हैं।

 

फल खाएं या खिलाएं तो रखें ध्यान साथ ही बिना धब्बे वाले फल, सब्जियों का प्रयोग करें- खाने से पहले फलों को साफ पानी से कई बार धोएं- फलों को छीलकर खाएंगे तो इसका प्रभाव कम होगा- फल काटने के बाद छिलके पशुओं के चारे में न डालें।

 

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