‘आप की अदालत’ का वकील, कैसे बना देश का 51वां ताकतवर इंसान…
‘इंडिया टीवी’ के मालिक और बहुचर्चित पत्रकार रजत शर्मा को ख्याति उनके सबसे ज्यादा देखे जाने वाले न्यूज़ शो ‘आप की अदालत’ से मिली।
यह शो 18 वर्षों से लगातार दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब रहा है।
रजत शर्मा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, पर ‘आप की अदालत’ से पहले वह क्या थे और कैसे थे, ये शायद ही कोई जानता हो।
पत्रकार रजत शर्मा के बारे में दिलचस्प बातें..
रजत शर्मा का जन्म 1957 में दिल्ली में हुआ। इनका बचपन मुफलिसी और तंग रास्तों से होकर गुजरा।
पुरानी दिल्ली में सब्जी मंडी के पास तीन मंजिला मकान की तीसरी मंजिल पर ‘दस बाई दस’ का कमरा था।
इस कमरे में रजत सात भाई-बहन, बीमार मां-बाप के साथ रहते थे। घर में न बिजली थी न पानी।
नहाने के लिए भी सड़क के किनारे जाना पड़ता था।
कभी खाने को मिल जाता था, तो कभी भूखे पेट भी सो जाते थे।
सरकारी स्कूल में पढ़ते थे, जहां किताबें और ड्रेस मिल जाती थी।
पढाई के लिए उजाले की चाह हर रोज़ उन्हें रेलवे स्टेशन तक ले जाया करती थी।
वह मुश्किलों भरा दौर था, लेकिन ऐसे रजत के मन में हमेशा यह सोच बनी रही कि कैसे आगे बढ़ा जाए।
बुरा वक्त बीतता गया और वह आगे बढ़ते गए।
दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में पढ़ाई की, जिस दौरान रजत की मुलाक़ात अरुण जेटली से हुई, जो इनके सीनियर थे।
पढ़ाई पूरी होने के बाद रजत ने राजनीति में अपना हाथ आजमाया।
इंदिरा गांधी सरकार के समय जब आपातकाल लगा, तब एबीवीपी नेता रजत शर्मा भी जेटली एवं अन्य नेताओं के साथ जेल गए थे।
हालांकि शर्मा ने बाद में राजनीति छोड़कर पत्रकारिता की राह पकड़ ली और टेलीविजन की दुनिया के नामी-गिरामी शख्सियत बन गए।
‘द कारवां’ मैगज़ीन के अनुसार पत्रकारिता में आने के बाद भी शर्मा को एक बार जेल जाना पड़ा था,लेकिन इस बार जेल वह अपनी मर्ज़ी से गए थे।
बात 1985 की है
मैगज़ीन में छपे आलेख में वरिष्ठ पत्रकार ने यह खुलासा किया कि 28 वर्षीय शर्मा को “बड़ी ब्रेकिंग न्यूज” करने की भूख रहती थी।
जब करोड़पति कारोबारी राजेंद्र सिंह सेठिया धोखाधड़ी के लिए गिरफ्तार हुए तो शर्मा ने उनका इंटरव्यू लेने का मन बनाया।
शर्मा ने उनका इंटरव्यू करने लिए अपने कॉलेज के दिनों के लंबित पड़े एक मामले में खुद को गिरफ्तार करा दिया और जेल पहुंच गए।
इस तरह वो सेठिया का इंटरव्यू लेने में कामयाब रहे।
रजत शर्मा को ‘भारतीय जनता पार्टी’ के कई शक्तिशाली नेताओं के करीब माना जाता है।
57 वर्षीय शर्मा जेटली के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी करीबी माने जाते हैं।
पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपनी किताब ‘द इलेक्शन दैट चेंज्ड इंडिया’ में लिखा है कि नरेंद्र मोदी पुराने दिनों से ही पत्रकार रजत शर्मा को निजी बातचीत में “पंडितजी” कहते हैं।
सरदेसाई की मानें तो प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मोदी उन्हें निजी तौर पर इसी नाम से पुकारते हैं।
मोदी से शर्मा की नजदीकी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि गुजरात दंगों के बाद जब नरेंद्र मोदी सूबे के सीएम बने तो उनके शपथ ग्रहण समारोह में शर्मा भी मंच पर थे।
स्मृति ईरानी के भी साथ..
इतना ही नहीं इस समय नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी टीवी स्टार बनने से पहले पत्रकार रजत शर्मा के साथ समाचार चैनल में काम कर चुकी हैं।
शर्मा की नजदीकी नेताओं की लिस्ट लंबी है। बीजेपी नेता विजय गोयल भी उनके कॉलेज के जमाने के मित्र हैं और उनके साथ कॉलेज की पत्रिका का संपादन भी कर चुके हैं।
बीजेपी के समर्थक माने जाने वाले शर्मा 1982 में वामपंथी रुझान वाले शर्मा अखबार द पैट्रियॉट में फ्रीलांसर के तौर पर काम कर चुके हैं।
पत्रकार रजत शर्मा के तब ज़ी टीवी पर आने वाले इंटरव्यू कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ में पहले मेहमान बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव थे।
नेताओं के साथ ही कारोबारियों से भी शर्मा के अच्छे संबंध रहे हैं।
‘द कारवां’ मैगजीन के मुताबिक रजत शर्मा एक जमाने में खुद को उद्योगपति धीरू भाई अंबानी का “तीसरा बेटा” बताया करते थे। आज भी उनकी कंपनी इंडपेंडेंट न्यूज सर्विस में गौतम अडानी और मुकेश अंबानी की कंपनियों का निवेश है।
पत्रकार रजत शर्मा को इंडियन एक्सप्रेस ने साल 2016 का देश का 51वां सबसे ताकतवर शख्स माना है।