साथ देने वाले बन गए मोदी के दुश्मन, लाखों की सेना लेकर शुरू करेंगे संग्राम

नोटबंदी की परेशानीनई दिल्ली। नोटबंदी की परेशानी अब देशभर के बैंक कर्मचारियो पर भी हावी होने लगी है। जिससे परेशान तमाम बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। बैंक कर्मचारियों का आरोप है कि नोटबंदी के समय में हम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा वहीं हम लोगों ने जितनी मेहनत की उसका उचित मुआवजा भी नहीं मिला ऐसे में अपनी परेशानियों को बयां करने के लिए हम एक विशाल प्रदर्शन करेंगे, जिसके लिए सभी बैंक कर्मचारी सात फरवरी को इकट्ठा होंगे।

गौरतलब है कि पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले के बाद से आम जनता को तो परेशानी हुई ही थी उसके साथ साथ बैंक के कर्मचारियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। कर्मचारियों का आरोप है कि नोटबंदी के समय बैंक का पैसा लेकर गायब लोगों और बैंक के स्टाफ पर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि नोटबंदी के दौरान बैंक के कर्मचारियों पर भी लोगों का गुस्सा फूटा था। वहीं नोटबंदी के दौरान बैंक के कर्मचारियों ने ही पीएम मोदी के इस सबसे बड़े फैसले को पार लगाने में सबसे ज्यादा मेहनत की थी।

बैंकिग सेक्टर के तमाम कर्मचारियों ने दो फरवरी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बाहर धरना देने का फैसला लिया है और उसके बाद भी यदि समस्या नहीं समाप्त होती है तो सात फरवरी को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे।

खबरों के मुताबिक इस विशाल प्रदर्शन में ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन और बैंक एंम्लायज फेडरेशन ऑफ इंडिया संयुक्त रूप से भाग लेंगे। यूनियन्स की मांग है कि नोटबंदी से हुई परेशानी के साथ-साथ बैंक के डिफॉल्टर्स पर भी कड़ा एक्शन लिया जाए।

ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉयज एसोसिएशन के महासचिव सी एच वी वेंकेटचाल्म की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सभी लोगों ने नोटबंदी के दौरान बैंक के कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा किए गए काम की सराहना की है। लोगों का कहना है कि बैंक के कर्मचारियों की कठिन मेहनत से ही नोटबंदी का इतना बड़ा फैसला सफलता पूर्वक समाप्त हो सका है। लेकिन हम लोगों द्वारा किए गए ओवरटाइम के लिए उचित मुआवजा देने की अनिच्छा और झिझक बैंक के कर्मचारियों पर साफ दिख रही है।

 

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