भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी 8 उपग्रहों को दो अलग कक्षाओं में करेगा प्रक्षेपित

चेन्नईउपग्रह। भारत 26 सितंबर की सुबह मौसम उपग्रह एससीएटीएसएटी-1 और सात दूसरे उपग्रह (पांच विदेशी और दो देशी) प्रक्षेपित करेगा। यह सभी ध्रुवीय उपग्रहों के प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किए जाएंगे।

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, पीएसएलवी रॉकेट इन आठ उपग्रहों के साथ 9 बजकर 12 मिनट पर आंध्र प्रदेश के राकेट प्रक्षेपण केंद्र श्रीहरिकोटा से छोड़े जाने की संभावना है।

अधिकारी ने पहचान छिपाते हुए आईएएनएस से कहा कि रॉकेट का मुख्य भार एससीएटीएसएटी-1 उपग्रह का 377 किग्रा वजन है। इससे समुद्री और मौसम संबंधी अध्ययन में मदद मिलेगी। इसे सूर्य की ध्रुवीय समकालिक कक्षा एक 720 किमी दूरी पर में रखा जाएगा।

इसरो के अनुसार, एससीएटीएसएटी-1 सेटेलाइट पूर्व में भेजे गए ओशनसेट-2 की निरंतरता में है। इसके स्कैटरोमीटर के जरिए मौसम की भविष्यवाणी, विंड वेक्टर डाटा, चक्रवात की जानकारी और निगरानी की सुविधाएं मिलेंगी।

मिशन में क्‍या है खास –

  • उपग्रह में ओशनसेट-2 की तरह केयू-बैंड स्कैटरोमीटर है। इस का मिशन काल 5 साल है।
  • पांच विदेशी उपग्रहों में अल्जीरिया, कनाडा और अमेरिका के उपग्रह हैं।
  • दो भारतीय विश्वविद्यालय/अकादमिक संस्थान के हैं जो एक 670 किमी की ध्रुवीय कक्षा में स्थापित होंगे।
  • इस मिशन के तहत पहली बार पीएसएलवी दो अलग कक्षाओं में उपग्रहों को स्थापित करेगा।
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