नाराज़ पत्नी को मानाने के लिए ससुराल के बाहर 31 घंटे बैठा रहा पति, ये निकला नतीजा

शादी की पहली सालगिरह पर ससुराल से मायके भागी पत्नी को मानाने के लिए पति अजमेर से उसके मायके आगरा आ पहुंचा, मगर ससुराल में उसका स्वागत नहीं किया गया। पत्नी ने अपने रिश्तेदार के घर जा कर पनाह लेली और पति ससुराल के दरवाज़े पर 31 घंटे बैठ कर उसका इंतज़ार करता रहा। लेकिन उसको कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद वो हार मान कर रविवार शाम चार बजे वापस घर लौट गया।

दरअसल, अजमेर के निवासी अविनाश वर्मा की शादी दो मई 2015 को सुलहकुल नगर की रहने वाली युवती से हुई थी। अविनाश पेशे से एकाउंटेंट थे और उसके पिता सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार। अविनाश का कहना है कि शादी की पहली सालगिरह पर पत्नी ब्यूटी पार्लर जाने के बहाने घर से निकली और अपने घर वापस आ गई। जब अविनाश अपनी पत्नी को वापस लेने उसके घर गया तो उसके परिजनों ने कहा कि वह कुछ दिन रहने के बाद लौट आएगी, लेकिन कुछ दिन बाद पत्नी नहीं बल्कि अजमेर पुलिस अविनाश के घर पहुंची। पत्नी ने अविनाश पर दहेज के लिए उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद अविनाश ने भी अजमेर न्यायालय में पत्नी के खिलाफ सेक्शन नौ में वाद दर्ज करा दिया।

इस मामले के बाद न सिर्फ अविनाश को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा बल्कि अपने माता-पिता की संपत्ति से भी बेदखल होना पड़ा। उसका कहना है कि उसकी पत्नी फोन पर तो उससे बात कर लेती है, लेकिन उसके घर नहीं जाना चाहती है। अविनाश अपनी पत्नी से एक ख़ास प्रश्न पूछने के लिए शनिवार को उसके शहर आगरा पहुंचा था। वो सिर्फ इतना पूछना चाहता था कि, क्या उसकी पत्नी उसके साथ रहना चाहती है या उससे अलग होना चाहती है। लेकिन उसके इस सवाल का जवाब देने के लिए न तो उसकी पत्नी उससे मिली न उसके कॉल का जवाब दिया। बस फिर अविनाश ने भी ज़िद पकड़ ली कि वो अपने सवाल का जवाब लेने के बाद ही वहां से जाएगा। उसने अपने ससुराल के बाहर ही डेरा डाल लिया। पूरी एक रात और दिन वहां बिताने के बाद अविनाश ने हार मान ली और निराश हो कर शाम करीब चार बजे वो अपने घर वापस लौट गया। 

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