नागरिकता कानून को लेकर केंद्र पर्यटन राज्यमंत्री ने दी ये जानकारी

Report- KULDEEP AWASHTHI

झांसी: केंद्र सरकार के पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह ने आज स्पष्ट किया कि नागरिकता कानून किसी भी धर्म विशेष के विरुद्ध नहीं है, बल्कि धार्मिक प्रताड़ना से भारत में शरण लेने वाले लोगों को नागरिकता देने के संबंध में है।

सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि देश के विभाजन से लेकर आज तक धर्म के नाम पर माइग्रेशन कोई नया नहीं है। 1948, 1955, 1960, 1970, 1971, 1980 और 1990 में धर्म के आधार पर, पूजा पद्धति के आधार पर माइग्रेशन देश में हो चुका है।

उन्होंने कहा कि मौलाना आजाद व महात्मा गांधी ने भी 48 के पहले यह कह दिया था कि पाकिस्तान जाने वाले अल्पसंख्यकों को वहां चैन से नहीं रहने दिया जाएगा और इसलिए यदि धार्मिक प्रताड़ना से तंग आकर कोई भारत आता है तो उसके रोजगार की तथा नागरिकता की व्यवस्था भारत सरकार को सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में उन्होंने जम्मू कश्मीर में आए हुए पाकिस्तान से आए हुए लोगों के लिए नागरिकता देने की बात कही थी।

क्योंकि उस समय देश के विभिन्न हिस्सों में आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता मिल रही थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर में आने वाले लोगों को नागरिकता धारा 370 के लगे होने के कारण नहीं मिल पा रही थी। इस धारा का दर्द केवल वही लोग समझ सकते हैं, जो उस धारा के लगे होने के कारण अपने बच्चों को शिक्षा तक नहीं दिला पाए।

CAA के टोटे से वोटो के लोटे को भरने की कोशिश कर रही है कॉंग्रेस: नक़वी

उन्होंने कहा कि जो लोग भी नागरिकता विधेयक की आड़ में समाज में जहर घोलने का काम कर रहे हैं, उन्हें एक बार मौलाना आजाद के ज्ञान के बारे में भी जानकारी कर लेनी चाहिए। इस दौरान नगर विधायक रवि शर्मा व जिलाध्यक्ष जमुना प्रसाद कुशवाहा भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष मुकेश मिश्रा सहित अन्य भाजपाई मौजूद रहे।

LIVE TV