नागदेवता मंदिर समिति ने सात दिनों का श्रीमद् भागवत कथा का किया शुभारंभ

रिपोर्ट – सुनील सोनकर    

मसूरी।  मसूरी नागदेवता मंदिर समिति नें मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारम्भ  किया है। इससे पूर्व क्यारकुली-भट्टा गांव मसूरी झील से कलश यात्रा निकाली गई।बडी संख्या में श्रद्वालुओं ने डोली और कलश यात्रा में शिरकत की। इस मौके पर नाग देवता के भक्तों ने नागराज के जयमंत्र के साथ कलश यात्रा में महिलाओं ने सर पर कलश रख कर,नंगे पैर धुमावदार पहाड़ी रास्तो  पर करीब 10 किलो मीटर का सफर पैदल तय कर नाग मंदिर पहुंची।

नागदेवता मंदिर

स्थानीय निवासी राकेश रावत, होशियार सिंह आदि का मानना है कि कलश यात्रा के दौरान महिलाएं अपने यर पर रखे कलश को हटाती नहीं हैं। क्योकि अगर कलश हट जाये तो यात्रा पूरी नहीं मानी जाती। गांव के बुजुगों का मानना है कि यह मंदिर 500 साल पुराना है इस मंदिर में एक ऐसा पत्थर है जिस पर कई वर्श पूर्व एक गाय षाम के समय चर कर अपने गाउषाला मे पहुंची थी।

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तो उसके थनो मे दूध नहीं पाया जाता था क्योकि व अपना दुध नाग मंदिर के पास पत्थर पर छोड कर आ जाती थी। ऐसे में गाय के मालिक द्वारा एक दिन गाय का पिदा किया गया तो वह गाय को पत्थर पर दुध छोडते देखा जिसके पास एक नाग उस दुध को पी रहा था। तभी से इस स्थान पर नाग मंदिर कि स्थापना कि गई । जिसे भटटा और क्यारकुली गाव के लोग अपना कुलदेवता मानने लगे। वही नागपंचमी के एक सप्ताह पूर्व डोल नगाडो पंरामपारिक वेषभूषा में इस दिन को त्यौहार के रूप मे मनाया जाता है।

 

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