नही रहे गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल, इस कारण हुआ निधन

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का निधन 92 की उम्र में हो गया। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपना अतिंम सांस अहमदाबाद के एक अस्पताल में ली। गुरुवार की सुबह उन्हें सांस लेने में कुछ समस्या हुई जिसके बाद परिजनों ने उन्हें अहमदाबाद के एक अस्पताल में दाखिल कराया। जहां उन्होंने अपनी अतिंम सांसे ली। उनके निधन का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है

केशुभाई पटेल का प्रारम्भिक जीवन:
केशुभाई पटेल का जन्म 24 जुलाई 1928 को गुजरात के वर्तमान जूनागढ़ जिले के विसावदर शहर में हुआ था। वे 1945 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। बतादें की केशुभाई का प्रारम्भिक जीवन आसान नही था। केशुभाई को सन् 1975 में लगे आपातकाल के दैरान जेल भी जाना पड़ा था।

केशुभाई पटेल का व्यक्तिगत जीवन:
केशुभाई पटेल का विवाह लीला पटेल के साथ हुआ था। बतादें कि केशुभाई पटेल के 5 बेटे व 1 बेटी है। केशुभाई की पत्नी का देहांत 2006 घर में घटित एक बिजली दुर्घटना के कारण हो गया था। केशुभाई के 60 वर्षीय बेटे प्रवीण पटेल की भी दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गयी थी। जिसके बाद केशुभाई पटेल को हिम्मत देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके घर गए थे। केशुभाई के बेटे भारत पटेल भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं।

केशुभाई पटेल का राजनीतिक जीवन:
केशुभाई पटेल का राजनीतिक सफर सन् 1960 के दशक से शुरु हो गया था। वे एक जनसंघ के कार्यकर्ता थे पर समय के चलते उन्हें संस्थापक बना दिया गया था। सन् 1977 में उन्हें निर्वाचन क्षेत्र से लोक सभा के लिए चुना गया था। कुछ दिनों बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देते हुए सन् 1979 से 1980 तक बाबुभाई पटेल की जनता मोर्चा सरकार में कृषि मंत्री के रुप में अपना योगदान दिया। साथ ही वे सन् 1980 से 1995 के बीच कलाबाड़, गोंडाल और विश्वादार से विधान सभा के चुनाव जीते। केशुभाई के नेतृत्व में सन् 1995 में भाजपा को विधान सभा चुनाव में जीत मिली थी।
इसके साथ ही वे सन् 1995 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे पर कुछ समय बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफी देना पड़ा था।

बाद में वे कांग्रेस की सहायता से गुजरात के मुख्यमंत्री बन गए थे। सन् 1998 के विधान सभा चुनाव के दौरान केशवभाई की सहायता से भाजपा एक बार फिर सत्ता में लौट आई थी। 2 अक्टूबर 2001 को पटेल ने अपने खराब स्वास्थ के चलते अपने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। पटेल 2002 में राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। 2009 के विधान सभा चुनाव में पचेल मे चुनाव में हिस्सा नही लिया था। बाद में उन्होंने 2007 में विधान सभा के चुनाव के लिए जनता से निवेदन किया था ताकि वे जीत कर देश में कुछ परिवर्तन ला सकें।

जिसके कारण एक बार फिर जीत मिली और मोदी की आगुवाई में सरकार का गठन हुआ। 2012 में उन्होंने अपनी बीजेपी सदस्यता को नवीनीकृत नहीं किया। इसके बाद उन्होंने 4 अगस्त 2012 को बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। बाद में जब वे विधान सभी के लिए खड़े हुए तब उन्होंने गुजरात परिवर्तन पार्टी का गठन किया। 2014 में जीपीपी बीजेपी के साथ जुड़ गयी थी। अपने खराब स्वास्थ को ध्यान में रख कर उन्होंने 24 फरवरी 2014 में अपने विधान सभा के सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। जिसके साथ ही उनका राजनीतिक सफर सिमट गया।

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