नहीं चली वकालत तो बन गया फर्जी जज, विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को ठगने का बनाया मास्टर प्लान
लखनऊ पुलिस ने तलाकशुदा और विधवा महिलाओं को अपने जाल में फंसाने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस की गिरफ्त में आया यह शातिर आरोपी खुद को जज बताता था। इसके निशाने पर वह महिलाएं होती थी जो यह तो विधवा हो या जिनका पति से तलाक हो चुका हो। इन महिलाओं को वह अपने जाल में फंसाता था। शादी की बात कर उनके गहने और रुपए लेकर वह फरार हो जाता। कई महिलाओं से हुई इस तरह की धोखाधड़ी के बाद पुलिस ने आरोपी को पीड़िता की शिकायत पर गिरफ्तार किया। इस मामले में पुलिस ने न्यूज पेपर में शादी का एक फर्जी विज्ञापन निकाला और आरोपी को पकड़ने में सफलता हासिल की। महिलाओं ने बताया कि आरोपी उनका शारीरिक शोषण भी करता था।
आरोपी विष्णु शंकर गुप्ता इन महिलाओं को निशाना बनाने के लिए एक विशेष प्लान का इस्तेमाल करता। विधवा या पति से अलग हुई महिलाएं जो शादी के लिए अखबार में इश्तिहार देती थीं, आरोपी सिर्फ उन्हें निशाना बनाता था। उन विज्ञापनों से महिलाओं का मोबाइल नंबर निकालकर आरोपी खुद को सिविल जज बताकर उन्हें अपने जाल में फंसाता था। महिलाओं को जाल में फंसाने के बाद उनका शारीरिक शोषण किया जाता और फिर समय मिलते ही नगदी और जेवर पर हाथ साफ कर दिया जाता।
नहीं चली वकालत तो फर्जी जज बन शुरू की धोखाधड़ी
कई घटनाओं के बाद भी जब पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंची तो यह खास प्लान बनाया गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद तुरंत ही सिम तोड़ देता था। तमाम कोशिशों के बाद भी जब पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंच सकी तो फिर अखबार में फर्जी विज्ञापन का सहारा लिया गया। विज्ञापन को पढ़ने के बाद विष्णु ने उसमें दिए गए नंबर पर कॉल किया और इसी उसकी इसी गलती का इंतजार पुलिस भी कर रही थी। डीसीपी सेंट्रल अर्पणा रजत कौशिक ने मामले को लेकर बताया कि आरोपी कानपुर के विष्णु शंकर गुप्ता ने वकालत की पढ़ाई की है। हालांकि उसकी वकालत नहीं चली तो वह फर्जी सिविल जज बन बैठा। इसके बाद उसने महिलाओं को लूटने का यह तरीका निकाला। आरोपी के पास से 4 लाख रुपए और नगदी भी बरामद हुई है।