अब नामी स्कूलों में पास के बच्चों का होगा ऐडमिशन

नर्सरी ऐडमिशननई दिल्ली। दिल्ली सरकार अब प्राइवेट स्कूलों के लिए डीडीए अलॉटमेंट लेटर्स की शर्तों को सख्ती से लागू करेगी। डीडीए जमीन पर बने 400 प्राइवेट स्कूलों में इस बार नर्सरी ऐडमिशन का मेन क्राइटेरिया नेबरहुड यानी डिस्टेंस रहेगा। ऐसे में स्कूल के आसपास रहने वाले बच्चों का सबसे पहले ऐडमिशन होगा।

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने नर्सरी ऐडमिशन के मुद्दे पर 5 दिसंबर को मीटिंग बुलाई है, जिसमें इन स्कूलों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है। डीडीए अलॉटमेंट लेटर्स की शर्तों के मुताबिक, स्कूल के आसपास रहने वाले बच्चों को ऐडमिशन से मना नहीं किया जा सकता। इस मीटिंग में डिस्टेंस फैक्टर को तय किया जाएगा। इस बार दो तरह के ऐडमिशन क्राइटेरिया हो सकते हैं। 400 बड़े स्कूलों के लिए तो डिस्टेंस मेन क्राइटेरिया होगा जबकि बाकी दूसरे स्कूलों के लिए अलग क्राइटेरिया रहेगा।

डिप्टी सीएम की एडवाइजर आतिशी मार्लेना ने बताया कि दिल्ली सरकार डीडीए अलॉटमेंट लेटर्स की शर्तों को ही लागू कर रही है, यह कोई नई पॉलिसी नहीं है। अलॉटमेंट शर्तों में यह साफ है कि सबसे पहले स्कूल के आसपास रहने वाले बच्चों को ऐडमिशन मिलना चाहिए। दिल्ली सरकार ने यह सुनिश्चित किया था कि डीडीए की जमीन पर बने प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोतरी न हो और बढ़ी हुई फीस भी वापस करने के निर्देश दिए गए थे। अब ऐडमिशन प्रोसेस में भी बदलाव होगा। इन 400 स्कूलों में ज्यादातर नामी स्कूल शामिल हैं और इन्हीं में ऐडमिशन के लिए ज्यादा मारामारी होती है। डिस्टेंस फैक्टर फॉर्म्युला लागू होने के बाद इन स्कूलों में ऐडमिशन क्राइटेरिया में बड़ा बदलाव हो जाएगा और पैरंट्स को कोई परेशानी नहीं होगी।

करीब 1200 प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी ऐडमिशन के लिए रेस होती है। अधिकारियों का कहना है कि 400 स्कूलों के अलावा दूसरे स्कूलों में भी यह देखा जाएगा कि पैरंट्स को ऐडमिशन प्रोसेस में कोई मुश्किल न हो। जहां तक 400 स्कूलों की बात है तो एक अधिकारी ने बताया कि मान लीजिए किसी स्कूल में नर्सरी की 100 सीटें हैं और डिस्टेंस क्राइटेरिया के मुताबिक अगर 80 ऐप्लिकेशन उस क्राइटेरिया में हैं तो उन बच्चों का ऐडमिशन हो जाएगा। बाकी बची 20 सीटों के लिए स्कूल कोई दूसरा क्राइटेरिया फॉलो कर सकते हैं। लेकिन अगर 100 सीटों के लिए डिस्टेंस फैक्टर के मुताबिक ही 150 ऐप्लिकेशन आ गई तो ड्रॉ प्रोसेस अपनाया जाएगा।

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