नई शिक्षा नीति को लेकर निशंक का ओवैशी पर हमला, कहा ‘पहले खुद पढ़ लें फिर ज्ञान दें’

नई शिक्षा नीति के जरिये वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में हर हाल में आमूलचूल बदलाव की घोषणा करते हुए मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि मातृ भाषा का सम्मान किये बिना कोई भी देश तरक्की नहीं कर सकता।

उन्होंने इस संबंध में भ्रम फैलाने की आलोचना करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में सभी भारतीय भाषाओं को सम्मान ही नहीं बल्कि हर कीमत पर सशक्त बनाया जाएगा।

मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान निशंक ने एआईएमआईएम के सांसद असादुद्दीन ओवैसी को नई शिक्षा नीति का मसौदा पढने और अपने सुझाव देने की भी नसीहत दी।

निशंक ने कहा कि मातृभाषा को सम्मानित कर उन्नति से दुनिया को चौंकाने वाले चीन, जापान और इजरायल जैसे देश दुनिया के लिए उदाहरण हैं।

नई नीति में सरकार शिक्षा व्यवस्था में आमूल चूल बदलाव कर देश को उन्नति के मार्ग पर ले जाना चाहती है। इसमें किसी भी क्षेत्रीय या भारतीय भाषा को कमतर करने की कोई कोशिश नहीं की जाएगी।

बल्कि इन्हें सशक्त बना कर देश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा। चाहे तमिल हो या उर्दू, मलयालम या कोई अन्य भाषा, छात्रों के लिए अपने मातृभाषा के माध्यम से सहज रूप से अध्ययन करने का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।

कांग्रेस पर जमकर बरसे जे पी नड्डा, कहा ‘हारने के बाद भी नहीं सुधरी कांग्रेस’

त्रिस्तरीय शिक्षा व्यवस्था में हिंदी को अनिवार्य बनाए जाने संबंधी ओवैसी के सवाल के जवाब में निशंक ने उन्हें मसौदा पढने और सुझाव देने की नसीहत  दी। निशंक ने कहा कि नई नीति के लिए अभी मसौदा को सार्वजनिक कर सुझाव मांगे गए हैं।

कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों-विशेषज्ञों से राय ली गई है। किसी भाषा को थोपने के बदले सरकार भारतीय भाषाओं को हर हाल में सशक्त बनाना चाहती है। हां, यह तय है कि नई नीति के जरिए सरकार वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव करेगी। देश और छात्रों के भविष्य के लिए यह बेहद जरूरी है।

LIVE TV