धीरे-धीरे खो रही है पहाड़ों की संस्कृति, फूलदेई त्यौहार की आज भी है धूम…

रिपोर्ट- प्रदीप महरा

 

बेरीनाग– उत्तराखंड में  समय-समय पर विभिन्न त्यौहरों के लिए प्रसिद्ध है। उसमें चैत माह के प्रथम दिन की शुरूआत फूलदेई त्यौहार के रूप में होती है। इस त्यौहार को लेकर बच्चों से लेकर युवाओं और महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिलता है। आज यह त्यौहार कुमाऊं और गढ़वाल का प्रसिद्ध त्यौहार है।

FESTIVAL

फूलदेई लोक पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन घरों के छोटे बच्चें घर-घर पर जाकर बुराश सरसों सहित विभिन्न फूलों को डालते है और घर के लोगों को आशीवार्द देते है। घरों से बच्चों को उपहार में चावल, गुड्ड, रूपये उपहार भी मिलते है। यह त्यौहार बंसत त्रुत का आगमन का संदेश भी देती है।

आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री अकबर ने नवा रायपुर के सेक्टर-15 तथा 30 में आवासीय भू-खण्ड परियोजना का किया शुभारंभ*

जिस तरह से पहाड़ों की संस्कृति धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही। लेकिन फूलदेई का त्यौहार का आज हर घर में मनाया जाता है। कई स्थानों पर इसको एक महोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। आज इस त्यौहार को लेकर सोशल मीडिया में धूम मची हुई है।

प्रदेश में हर त्यौहार का अपना अलग महत्व है. इसी कारण आज यहां की पहचान पूरे विश्व में है। सरकार को इस तरह के त्यौहारों को आग बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए।

LIVE TV