धारा 370 को हटाने के साथ पुलिस, नौकरशाही की अवज्ञा को ध्यान में रखा गया

नई दिल्ली। बीजेपी सरकार ने कश्मीर से धारा 370 को हटाने और जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन की योजना बनाने के दौरान स्थानीय पुलिस और प्रशासन द्वारा अवज्ञा किए जाने समेत सभी आकस्मिक अड़चनों को ध्यान में रखा था।

पिछले कुछ दिनों में 20,000 से अधिक जवानों को तैनात किए जाने का उद्देश्य राज्य की स्थिति पर पूरा नियंत्रण रखना और आदेशों का पालन न किए जाने जैसी किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटना था।

सूत्रों ने बताया कि जवानों की तैनाती अब भी जारी है और भारतीय वायुसेना के विमानों में असम, उत्तर प्रदेश और ओडिशा समेत कई राज्यों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों को जम्मू एवं कश्मीर भेजा जा रहा है।

ये जवान पूरी कश्मीर घाटी में कानून प्रवर्तन प्रयासों में योगदान देंगे और सड़कों पर होने वाले विरोध प्रदर्शनों को रोकेंगे।

सूत्रों ने कहा कि कश्मीरी नेता जम्मू एवं कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने संबंधी कदम का विरोध कर रहे थे इसलिए उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया।

सूत्रों ने कहा कि राज्य में लगाए गए प्रतिबंध अस्थायी हैं और प्रतिक्रियाओं के अनुसार स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

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सूत्रों ने कहा कि सरकार द्वारा नकेल कसे जाने के बाद से स्थानीय राजनीतिक नेतृत्व और अलगाववादी पहले ही बचाव की मुद्रा में आ गए थे।

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