धर्म नहीं, ये है देशभक्ति का मंदिर

धर्म

रांची। मंदिरों पर धर्म ध्‍वज लहराते हुए अक्‍सर देखा गया है पर झारखंड की राजधानी रांची में पहाड़ी बाबा का मंदिर एक ऐसा मंदिर हैं जहां पर राष्‍ट्रीय ध्‍वज तिरंगा लहराता है। यहां हर स्वतंत्रता व गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज शान से फहराया जाता है। यह मंदिर सिर्फ धर्म का नहीं, बल्कि देश-प्रेम का भी बड़ा उदाहरण है।

यह मंदिर रांची के रेलवे स्टेशन से सात किलोमीटर की दूरी पर है। पहाड़ी बाबा का यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है, इसकी ऊंचाई 350 फीट है। यहां राष्ट्रध्वज फहराने की परंपरा 14 अगस्त, 1947 की मध्यरात्रि से ही शुरू की गई थी।

उस दिन के बाद से हर साल 26 जनवरी की सुबह पूजा के बाद यहाँ राष्ट्रगान होता है। फिर तिरंगा फहराया जाता है। इस परंपरा में बहुत से लोग शामिल होते हैं। इस दिन यहां सिर्फ भक्त नहीं आते, बल्कि हर वो शख्स जो भारत माता से सच्चा प्यार करता है, इस दिन मंदिर में मौजूद रहता है। इस मंदिर ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी बहुत काम किये है।

मंदिर जिस पहाड़ी पर है, वहाँ एक हज़ार से ज्यादा वृक्ष लगाए गए हैं। इस मंदिर तक पहुचने के लिए भक्तों को 428 सीढियाँ चढ़नी होती हैं। जब आप ऊपर पंहुचते हैं, तो मंदिर के आंगन से आप रांची के बहुत खूबसूरत नज़ारे देख सकते हैं। यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का मनमोहक नजारा भी देखा जा सकता है।

धर्म नही

यह मंदिर पहले टिरीबुरू के नाम से प्रसिद्ध था, अंग्रेजों के समय में इसका नाम फाँसी टुंगरी भी था। अंग्रेज इस जगह पर क्रांतिकारियों को फांसी देते थे। यह मंदिर उन शहीदों का भी प्रतीक हैं, जिन्हें अंग्रेजों ने यहाँ फांसी पर चढ़ा दिया था। तिरंगा उन साहसी देश प्रेमियों की याद में भी लहराया जाता हैं, जो हंसते-हंसते फांसी पर झूल गये।

मंदिर के मुख्य पंडित देवीदयाल मिश्र उर्फ देवी बाबा ने बताया कि यह मंदिर छोटानागपुर क्षेत्र के नागवंशियों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। पंडितजी का कहना है की उन का इतिहास इस मंदिर से ही शुरू होता हैं। इस मंदिर पर स्थित नागमंदिर सबसे मशहूर हैं। हर सोमवार यहां आदिवासी नाग देवता की पूजा करने आते हैं, और यह परंपरा कई सदियों से चलती आ रही हैं।

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