
कोरोना महामारी का कहर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। संक्रमण से देश के हालात बद से बत्तर होते जा रहे हैं। चारों ओर कोहराम मचा हुआ है। जिसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारें अपने ढंग से महामारी के खिलाफ योजना बनाने में लगी हुई हैं। कई राज्यों में बढ़ते कोरोना मामलों के मद्देनजर लॉकडाउन लगाया जा चुका है। इसी बीच आज यानी सोमवार को उच्चतम न्यायलय ने भी केंद्र व राज्य सरकारों से लॉकडाउन पर विचार करने को कहा है। शीर्ष अदालत ने सरकारों से सामूहिक समारोहों व सुपर-स्प्रेडर कार्यक्रमों पर रोक लगाने का भी आग्रह किया है।

इसी के साथ न्यायलय ने गरीबों पर लॉकडाउन के दुष्प्रभाव पर चिंता जताते हुए यह भी कहा कि सरकार अगर लॉकडाउन लगाए तो वंचितों के लिए पहले से विशेष प्रावधान करे ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो सके। शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि ऑक्सीजन उपलब्धता, कोरोना टीकों की उपलब्धता व मूल्य प्रणाली, आवश्यक दवाएं उचित मूल्य पर मुहैया कराने संबंधी उसके निर्देशों व प्रोटाकॉल का पालन करे। इन सभी मुद्दों पर अगली सुनवाई पर जवाब भी दाखिल किया जाए। कोरोना वायरय की कड़ी को तोड़ने के लिए लॉकडाउन जैसे फैसले को बेहद अहम माना जा रहा है।
