दलाई लामा के जन्मदिन पर चीनी सैनिकों ने लद्दाख में हो रहे समारोह पर आपत्ति जताई

चीन द्वारा एक बार फिर सीमा पर आक्रामक रवैया अपनाया गया है। चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और कुछ नागरिक लद्दाख के डेमचुक क्षेत्र में सिंधु नदी के दूसरी ओर दिखाई दिए और विरोध में बैनर और चीनी ध्वज प्रदर्शित किया जब भारतीय ग्रामीण दलाई लामा का जन्मदिन मना रहे थे। घटना छह जुलाई की है। सेना के जवानों और नागरिकों सहित चीनी पांच वाहनों में आए और गांव के सामुदायिक केंद्र के पास बैनर लगाए जहां दलाई लामा का जन्मदिन मनाया जा रहा था।

दरअसल, चीन द्वारा अक्सर दलाई लामा के मसले पर भारत का विरोध किया जाता है। दलाई लामा लंबे वक्त से भारत में ही रहते हैं। खास बात ये है कि दलाई लामा के इसी जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात की थी, साथ ही सोशल मीडिया के द्वारा भी उन्हें जन्मदिन की बधाई दी थी। जिसे चीन को लेकर एक कड़ा संदेश माना गया।

पिछले हफ्ते मंगलवार सुबह एक ट्वीट में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दलाई लामा को उनके 86 वें जन्मदिन के अवसर पर बधाई दी। उन्होंने लिखा “परम पावन दलाई लामा से उनके ८६वें जन्मदिन पर बधाई देने के लिए फोन पर बात की। हम उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं।” 2014 में प्रधान मंत्री के रूप में पदभार संभालने के बाद से यह पहली बार है जब नरेंद्र मोदी ने दलाई लामा के साथ सार्वजनिक रूप से बात करने की पुष्टि की है।

आपको बता दें भारत और चीन पिछले साल यानि 2020 में अप्रैल-मई से एक सैन्य गतिरोध में हैं। चीन द्वारा लद्दाख सीमा पर घुसपैठ की कोशिश की गई थी। तभी से ही भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं में कई बार झड़प भी हुई है, गोली तक चलाई गई है लेकिन अभी तक समाधान नहीं ढूंढ पाए हैं। भारतीय और चीनी पक्षों ने सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर कई राउंड की बातचीत के बाद अभी तक कोई ठोस हल नहीं निकला है, साथ ही लंबे वक्त से अभी बातचीत भी बंद है।

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