श्रीलंका में ईस्टर रविवार को हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों में करीब 200 बच्चों ने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है। उनमें से कुछ तो अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे।
श्रीलंका रेड क्रॉस सोसाइटी (एसएलआरसीएस) ने बताया कि कुछ परिवारों ने अपने घर के कमाने वालों को ही खो दिया है और उनके पास जीवन जीने के लिए शायद पर्याप्त धनराशि नहीं है।
देश में ईस्टर के मौके पर तीन गिरजाघरों और तीन लग्जरी होटलों समेत अलग अलग स्थानों पर नौ विस्फोट हुए थे जिनमें 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। मृतकों में 10 भारतीय समेत 40 विदेशी शामिल हैं।
आतंकी संगठन आईएस ने हमले की जिम्मेदारी ली है, लेकिन सरकार ने स्थानीय चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) को धमाकों के लिए दोषी बताया है।
‘कोलंबो गजट’ ने एसएलआरसीएस के हवाले से कहा है कि विस्फोट में घायल होने की वजह से 75 परिवारों की आजीविका प्रभावित हुई है, क्योंकि विस्फोट में उनके परिवार का कोई न कोई सदस्य जख्मी हुआ है।
खबर में बताया गया है कि उनमें से कुछ लोग तो जख्मों के कारण काम पर नहीं जा पाएंगे तो कुछ घायल तो कुछ शारीरिक तौर पर अक्षम हो गए हैं।
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एसएलआरसीएस ने कहा कि घटना से सीधे तौर पर प्रभावित हुए लोगों, चश्मदीदों और अपनों को खोने वाले परिवारों को ‘मनोवैज्ञानिक प्राथमिक उपचार’ (पीएफए) देने की जरूरत है।